निपाह बुखार के बाद मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को कवर करना महत्वपूर्ण है. मृत व्यक्ति को गले लगाने या चुंबन करने से बचें. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खाते हैं वह चमगादड़ या उनके मल से दूषित नहीं है.चमगादड़ के कुतरे फलों को खाने से बचें, पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी पीने वाली शराब पीने से बचें, बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें. अपने हाथों को अच्छी तरह से स्वच्छ करें और धोएं, आमतौर पर शौचालय के बाल्टी और मग, रोगी के लिए उपयोग किए जाने वाले कपड़े, बर्तन और सामान को अलग से साफ करें.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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उन्होंने कहा कि निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक है. निपाह वायरस इंफेक्शन के लिए कोई प्रभावी उपचार नहीं है. उपचार का मुख्य आधार बुखार और तंत्रिका संबंधी लक्षणों पर केंद्रित है. इंफेक्शन नियंत्रण उपाय महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से ट्रांसमिशन हो सकता है. गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को गहन देखभाल की आवश्यकता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि क्ली(निकल रूप से, निपाह वायरस के इंफेक्शन के लक्षणों की शुरुआत एन्सेफेलेटिक सिंड्रोम से होती है, जिसमें बुखार, सिरदर्द, म्यालगिया की अचानक शुरुआत, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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यह पुष्टि की गई है कि केरल के बाहर के लोगों को केवल तभी सावधान रहना चाहिए जब वे प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हों या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ रहे हों. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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यह रोग 2001 में और फिर 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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निपाह वायरस स्वाभाविक रूप से चमगादड और सुअर जैसे जानवरों से मनुष्यों तक फैलता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
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लोगों के दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस से कुछ सरल उपाय अपनाकर बचा जा सकता है. इस वायरस की चपेट में आने से केरल में लगभग 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 40 अन्य लोग इससे प्रभावित हैं. फोटोः गूगल फ्री इमेज