विलुप्त हुई एक और प्रजाति: दुनिया के आखिरी उत्तरी सफेद गैंडे 'सूडान' की बीमारी से मौत
उसके मौत के बाद अब उसी उप-प्रजाति (subspecies) से आने वाली उसकी बेटी नाजिन (27) और पोती फाटू (17) बचे हैं. यह उत्तरी गैंडों की उप प्रजाति वाली आखिरी दो मादाएं हैं.
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View In Appदुनिया का आखिरी उत्तरी सफेद गैंडा 'सूडान' अब हमारे बीच नहीं रहा. बीमारी की वजह से उसकी मृत्यु हो गई. सूडान दुनिया का आखिरी सफेद नर गैंडा था, जो केन्या के ओआई पेजेटा संरक्षण में रह रहा था. वो करीब 45 साल का था और वो सोमवार की रात सोया तो दोबारा नहीं उठा. बता दें कि वो काफी दिनों से बीमार भी चल रहा था.
जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं, सूडान को सिक्योरिटी में उसके साथ हमेशा गनमैन भी तैनात रहते थे. सूडान के अलावा बची हुई दो मादा गैंडों को भी खूब सिक्योरिटी के साथ रखा जाता है.
गैंडों की सींग की बढ़ती मांग के बाद दुनिया से गैंडों की प्रजाति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. लिहाजा सूडान को केन्या के ओआई पेजेटा संरक्षण में बहुत ख्याल के साथ रखा जाता था.
उसे इतना दर्द था कि वो ठीक से खड़ा ही नहीं हो पा रहा था और अपने बाड़े में करीब तीन हफ्तों से बीमार पड़ा था.
इन गैंडों की उप-प्रजाति भी युगांडा, अफ्रीका, सूडान और चाड जैसे देशों से लुप्त हो चुकी है.
सूडान जिस प्रजाति से था उस प्रजाति के गैंडों की उम्र एक इंसान की औसत उम्र से भी ज्यादा होती हैं. 2014 में एक और पुरुष गैंडे की प्राकृतिक मौत के बाद यह आखिरी उत्तरी गैंडा था.
केन्या के Dvur Kralove चिड़ियाघर के अधिकारी Jan Stejskal के मुताबिक, वो करीब साल 2009 से यहां रह रहा था. उसकी मौत मानवीय उपेक्षा का एक क्रूर प्रतीक है और उन सभी के लिए दुख की बात है जो उसे जानते थे.
गैंडों की ये दूसरी सबसे बड़ी प्रजाति जो हाथियों के कद के करीब होती है. गैंडों की पांच प्रजातियां होती हैं. इन गैंडों की दो उप-प्रजाति भी है. इनमें से दक्षिणी सफेद गैंडों का अब मिलना बहुत मुश्किल होगा. उत्तरी सफेद गैंडों की संख्या भी ना के बराबर हैं.
सूडान काफी कमजोर हो चुका था और उसकी हड्डियां भी कमजोर हो चुकी थीं जिससे उसका शरीर पहले की तरह स्वस्थ नहीं रह गया था.
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