अपनी आखिरी स्पीच में भावुक हुए ओबामा, पत्नी मिशेल को कहा शुक्रिया
बराक ओबामा अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी स्पीच देते हुए तब भावुक हो गए जब लोगों ने- ‘चार साल और’ के नारे लगाए. अपनी फेयरवेल स्पीच में ओबमा ने अपनी पत्नी मिशेल और बेटी का शुक्रिया अदा किया और उनके लिए तारीफ के शब्द कहे तो पत्नी मिशेल और बेटी की आंखें छलक गईं. ओबामा ने अपने विदाई भाषण में देश में लोकतंत्र को नस्लवाद, असमानता और नुकसानदेह राजनीतिक माहौल से खतरा बताते हुए अमेरिकियों से इसकी रक्षा के लिए एकजुट होने का एलान किया. आगे की स्लाइडड्स में जानें विदाई भाषण में कही बड़ी बातें...
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View In Appआपको बता दें कि राष्ट्रपति पद पर ओबामा का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होगा और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
ओबामा ने कहा कि जब हमारे संस्थानों में भरोसा कम हो तो हमें अपनी राजनीति में धन के नुकसानदेह प्रभाव को कम करना चाहिए और पारदर्शिता के सिद्धांत और लोक सेवा में नैतिकता पर बल देना चाहिए.
ओबामा ने कहा कि हम सब को मिलकर, भले ही हम किसी भी पार्टी के हों, अपने लोकतांत्रिक संस्थानों के पुनर्निर्माण पर जोर देना चाहिए. जब विकसित लोकतंत्रों में मतदान का प्रतिशत कम हो तो हमें मतदान को कठिन नहीं बल्कि आसान बनाना चाहिए.
ओबामा ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को ठोस कानूनी आधार प्रदान करने के लिए काम किया. यही वजह है कि हमने प्रताड़ना को समाप्त किया, निगरानी से जुड़े अपने कानूनों में सुधार के लिए काम किया ताकि निजता और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि इस वजह से वह मुस्लिम अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव को खारिज करते हैं.
ओबामा ने कहा कि वह मुस्लिम अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव को खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग भी उतने ही राष्ट्रभक्त हैं जितने हम हैं. उनकी इस टिप्पणी का लोगों ने खासा स्वागत किया.
ओबामा ने अफसोस जताया कि वर्ष 2008 में देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में उनके ऐतिहासिक चुनाव के बाद भी ‘‘नस्लवाद हमारे समाज में ताकतवर और अक्सर विभाजनकारी ताकत के रूप में बरकरार है.’
ओबामा ने अपने विदाई भाषण में कहा कि जब हम भय के सामने झुक जाते हैं तो लोकतंत्र प्रभावित हो सकता है. इसलिए हमें नागरिकों के रूप में बाहरी आक्रमण को लेकर सतर्क रहना चाहिए. हमें अपने उन मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए जिनकी वजह से हम वर्तमान दौर में पहुंचे हैं.
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