आपको बता दें, किसान नेताओं ने आज सुबह 10 बजे नौ जगहों से ट्रैक्टर परेड शुरू करने की घोषणा की है. ढांसा, चिल्ला, शाहजहांपुर , मसानी बराज, पलवल और सुनेढ़ा बॉर्डर से भी ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया गया है.
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50 से अधिक दिनों से किसान कृषि कानून के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. किसानों की साफ मांग है कि कृषि कानून को वापस लिया जाये. वहीं, सरकार किसानों से बात कर लगातार इस आंदोलन को शांत कराने का प्रयास कर रही हैं.
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बढ़ती ठंड और शीतल लहर के बावजूद किसानो का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज किसान सड़कों पर बैठ कानून को वापस लेने के नारे लगाते हुए का सरकार पर जबाव बना रहे हैं.
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सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी. दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था.
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भारी तादाद में किसान ट्रैक्टर लेकर कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों में कानून के खिलाफ बेहद गुस्सा दिखने को मिल रहा है.
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राजपथ और दिल्ली के अन्य सीमा बिन्दुओं पर हजारों सशस्त्र कर्मी तैनात किए गए हैं तथा गणतंत्र दिवस की परेड और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
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कृषि कानून के विरोध आंदोलन कर रहे किसानों ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैकटर रैली निकालन अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सिंघु बॉर्डर और धंसा बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड को शुरू किया गया.
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टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की भी कोशिश की है.