ब्रिगेडियर अल जल्लाफ ने लोगों से सड़कों पर या सोशल मीडिया पर भिखारियों के साथ सहानुभूति नहीं रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन भीख मांगना अपराध है और दुबई पुलिस इन मामलों में कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा कि भिखारी ऑनलाइन झूठ बोलकर लोगों की भावनाओं का दोहन करते हैं और उन्हें ठगते हैं.
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जल्लाफ ने कहा, "सोशल मीडिया पर अपने बच्चों को बदनाम कर और उन्हें बेइज्जत कर यह महिला 17 दिनों में 50 हजार डॉलर जुटाने में कामयाब रही."
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ब्रिगेडियर अल जल्लाफ ने कहा, "वह लोगों को बता रही थी कि वह तलाकशुदा है और अपने बच्चों को खुद पाल रही है. लेकिन उसके पूर्व पति ने अपराध मंच के माध्यम से पुलिस को सूचना दी और साबित किया कि बच्चे उनके साथ रह रहे हैं."
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संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक महिला को लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. महिला पर आरोप है कि उसने खुद को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक असफल शादी का शिकार बताकर अपने बच्चों की परवरिश के लिए लोगों से मदद की अपील की और 50 हजार डॉलर (183,500 दिरहम) जुटा लिए.सभी फोटोः गेटी इमेज
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अधिकारी ने कहा, "कई दोस्तों और रिश्तेदारों के फोन आने के बाद पति को अहसास हुआ कि उसके बच्चों की तस्वीरों का इस्तेमाल भीख मांगने के लिए किया जा रहा है."
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खलीज टाइम्स ने दुबई पुलिस के आपराधिक जांच विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर जमाल अल सलेम अल जल्लाफ के हवाले से कहा कि महिला ने ऑनलाइन अकाउंट बनाए और अपने बच्चों की तस्वीरों के माध्यम से उनकी परवरिश के लिए और उन पर होने वाले बढ़ते खर्चो के लिए आर्थिक मदद मांगी.
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दुबई पुलिस के अधिकारी ने रविवार को कहा कि महिला ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर अपनी पोस्ट के माध्यम से कई लोगों को ठगा और 17 दिनों में ये रकम जुटाई.