PM मोदी देंगे पाकिस्तान को मुंहतोेड़ जवाब, वॉर रूम में बिताए पूरे 2 घंटे
दो दिन पहले दिल्ली में सरकार रणनीति बना रही थी तो अब पाकिस्तान में खौफ का माहौल है. किसी भी सर्जिकल स्ट्राइक यानी चुनिंदा ठिकानों पर हमले की आशंका के बीच आईएसआई और पाकिस्तानी सेना ने 18 आतंकी कैंपों का ठिकाना बदल दिया है. पाकिस्तान की रणनीति है कि अगर रिहाइशी इलाकों में आतंकी कैंप होंगे तो भारत उन पर हमला नहीं कर पाएगा. क्योंकि अगर भारतीय सेना ने उन ठिकानों को तबाह किया तो हमले में निर्दोष नागरिक भी मारे जाएंगे और पाकिस्तान को भारत को कटघरे में खड़ा करने का मौका मिल जाएगा.
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View In App20 सितंबर की देर रात तक प्रधानमंत्री इसी वॉर रूम में रहे. रात 9.30 बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक वॉर रूम में मीटिंग हुई. वॉर रूम में बहुत ही लिमिटेड लोगों की एक्सेस होती है. ये वो जगह है जहां से सेना की हर हलचल पर नजर रखी जाती है. वैसे तो प्रधानमंत्री का ये तीसरा दौरा था. इससे पहले वो दो बार वॉर रूम में सेना और सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां ले चुके हैं लेकिन उस वक्त हालात अलग थे. अभी उरी में हमले के बाद सरकार पर एक्शन लेने का भारी दबाव है.
प्रधानमंत्री के सामने एक बड़े टेबल पर पाकिस्तान के अहम ठिकानों के नक्शे रखे गए. नक्शे पर दुश्मनों के ठिकानों के बारे में बताया गया. लोकेशन की सटीक जानकारी देने के लिए इसके बाद सैंड मॉडल यानी रेत से बने मॉडल के जरिये दुश्मन के हूबहू ठिकानों को सामने रखा गया. ये मॉडल पीओके में बने आतंकी कैंप के थे. प्रधानमंत्री को बताया गया कि कैसे आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया जा सकता है.
दिल्ली का सबसे वीआईपी इलाका साउथ ब्लॉक. जहां है प्रधानमंत्री का दफ्तर. इसी से सटा हुआ है रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की इसी इमारत के भीतर है सेना का वॉर रूम.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वॉर रूम में एनएसए अजित डोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सुहाग, वायुसेना प्रमुख अरुण राहा, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी मौजूद थे. देश के सबसे ताकतवर कंट्रोल रूम में तीनों सेनाओं के प्रमुख मोदी को तमाम खुफिया जानकारी और दुश्मनों के ठिकानों के बारे में बता रहे थे.
ये बहुत कुछ वैसा ही था जैसे सेना के अधिकारी युद्ध के वक्त अपने जवानों को ठिकानों के बारे में जानकारी देते हैं. प्रधानमंत्री को दुश्मन के ठिकानों की जानकारी देने के बाद तीनों सेना के प्रमुखों ने किसी भी ऑपरेशन को चलाए जाने पर कैसे हमला किया जाएगा इसके बारे में बताया. सूत्रों के मुताबिक एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी दी गई जिसमें तीनों सेनाओं के तालमेल और ताकत की जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक भारत सर्जिकल स्ट्राइक करने की जल्दबाजी में नहीं है. एलओसी के किनारे 42 आतंकी कैंप बनाए गए हैं जिसमें 18 का ठिकाना बदला गया है और आईएसआई-पाकिस्तानी सेना ने बाकी के 24 कैंप फिलहाल बंद कर दिए हैं और उनमें ट्रेनिंग ले रहे आतंकियों को भी रिहाइशी इलाकों में चल रहे इन्हीं 18 कैंपों में भेज दिया गया है.
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