एक धोनी तो वो धोनी है जिसे धोनी ने खुद बनाया और एक वो जो अनुभव की आग में तप कर बना है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में ये दो धोनी टीम इंडिया की संजीवनी बने. एक वक्त टीम इंडिया के टॉप 5 बल्लेबाज महज 87 से स्कोर पर पवेलियन लौट चुके थे. लेकिन इसके बाद अनुभवी धोनी और नए धोनी हार्दिक पांड्या ने शतकीय साझेदारी कर टीम के स्कोर को 281 रन तक पहुंचाया.
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धोनी अपनी पारी को संवारना जानते हैं और ये सब उनके अनुभव का नतीजा है. ये टीम इंडिया के लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं. पुराना धोनी लय में लौट चुका है और एक नया धोनी भी दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार है.
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पांड्या हैं नए धोनी- मुश्किल वक्त में जो टीम की नइया पार करे वो धोनी हैं और मुश्किल वक्त में जो विरोधी की नइया डुबो दे वो हार्दिक पांड्या हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार्दिक ने यही किया. सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए हार्दिक ने संभली हुई शुरुआत की. एक बार पिच पर आंखे जमाने के बाद हार्दिक ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए.
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एडम जैंपा के एक ही ओवर में पांड्या ने तीन छक्के और एक चौका लगाया और इसी के साथ अपने 50 रन भी पूरे किए. बताते चलें ये हार्दिक का तीसरा वनडे अर्धशतक है. अपनी पारी में हार्दिक ने 5 छक्के लगाए. आउट होने से पहले नए धोनी ने 66 गेंद पर 83 रन जोड़े और धोनी के साथ 118 रन की साझेदारी की. इस पारी के बाद हार्दिक ने खुद कहा कि उन्होंने धोनी से बहुत कुछ सीखा है.
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चेन्नई वनडे में धोनी ने 88 गेंद पर 79 रन बनाए. धोनी लगातार बड़ी पारियां खेल रहे हैं. पिछले 10 पारियों में धोनी 7 बार नाबाद रहे. इस दौरान धोनी का औसत 133 का है. धोनी ने 4 मैच में अर्धशतक लगाए. धोनी श्रीलंका दौरे में एक बार भी आउट नहीं हुए. धोनी की पिछली 5 पारियां देखिए. 45 नाबाद, 67 नाबाद, 49 नाबाद, 1 रन नॉट आउट और आज 79 रन की पारी.
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धोनी का नया अवतार- कैप्टन कूल अब बैट्समैन कूल बन चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धोनी ने ना सिर्फ भारतीय पारी को संभाला बल्कि युवा पांड्या को अपने साथ लंबी पारी खेलने की प्रेरणा भी दी. धोनी ने इससे पहले श्रीलंका के खिलाफ भुवनेश्वर कुमार के साथ भी मैच विनिंग साझेदारी की थी. माही अब आउट होकर पवेलियन नहीं लौट रहे. वो मैदान पर टिकते हैं.