आए दिन विवादों में रहने वाली स्वयं-भू संत राधे मां एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर ने पहली बार ABP न्यूज़ पर अपनी जिंदगी की पूरी कहानी का खुलासा किया है. आइए जानते हैं पंजाब के एक गांव में रहने वाली सीधी-साधी सुखविंदर कौर ने कैसे तय किया राधे मां बनने का सफर?
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बता दें कैमरे के सामने राधे मां ने अपनी जिंदगी के तमाम राज खोले हैं. उन्होंने कैमरे पर पंजाब के छोटे से गांव से दिल्ली और फिर मुंबई तक का पूरा सफर बयान किया है. ABP न्यूज़ के कैमरे पर राधे मां ने पूरी बेबाकी के साथ अपने अतीत के बारे में बताया. राधे मां ने अपने बचपन, अपने माता-पिता, अपनी शादी और फिर पति से जुदाई तक की पूरी कहानी पहली बार खुलकर सुनाई.
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बता दें कैमरे के सामने पहली बार राधे मां के अलग-अलग जज्बात देखने को मिले. वह कभी अपने पापा के लिए गाना गाने लगती थीं और फिर गाना गाते-गाते ही फूट-फूटकर रोने लगती थीं.
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जिस राधे मां को उनके भक्त देवी की तरह पूजते हैं वो राधे मां अब डिप्रेशन में हैं. ऐसा बताया जाता है कि राधे मां को रात में दवाई खाए बगैर नींद नहीं आती है.
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धर्मगुरु राधे मां मुंबई के मशहूर मनोरोग विशेषज्ञ से अपनी रहस्यमय बीमारी का इलाज करा रही हैं. हैरानी की बात है कि राधे मां के पास नाम, पैसा, दौलत-शोहरत सबकुछ है लेकिन जिंदगी में सुकून नहीं है. आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि जो राधे मां खुद को देवी मां का अवतार बताती हैं वह मानसिक तौर पर बीमार हैं
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ABP न्यूज़ संवाददाता जितेंद्र दीक्षित के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में राधे मां ने एक बड़ा खुलासा किया है. राधे मां ने बताया कि इन दिनों उन्हें किसी गंभीर मानसिक बीमारी ने घेर रखा है.
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धर्मगुरु राधे मां अपने भक्तों को सालों से ऐसे ही किस्से सुना रही हैं. राधे मां दैवीय शक्तियों और चमत्कार की कहानियां सुना-सुनाकर ही खुद को देवी मां का अवतार घोषित कर चुकी हैं.
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राधे मां बताती हैं कि जब तक वो सुखविंदर कौर थी तब तक गम और गरीबी ने उन्हें घेर रखा था, लेकिन उनकी मां की मौत और पति की जुदाई ने उन्हें काली माता का भक्त बना दिया. वह एक ऐसी भक्त बन गईं जो मंदिरों में अकेले बैठकर घंटों माता रानी के साथ बातें किया करती थीं.