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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajiv Gandhi: बचपन से लेकर उनके राजनीतिक सफर और फिर हत्या तक की कहानी तस्वीरों में
राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. 21 मई 1991 की रात वह तमिलनाडु में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे तो मंच की ओर आती एक महिला ने आत्मघाती हमलावर ने उन्हें माला पहनाने की कोशिश की. जैसे ही महिला हमलावर ने उन्हें माला पहनाई और पैर छूने के लिए झुकी उसने अपने कमर पर बंधे बम का बटन दबा दिया. इस धमाके में राजीव गांधी की दर्दनाक मौत हो गई.
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View In App40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने आधुनिक भारत की नींव रखने की दिशा में काम किया. उन्हें कई कामों की वजह से याद किया जाता है जैसे वोट देने की उम्रसीमा 21 साल से घटाकर 18 साल करना. भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने की दिशा में भी उनका अहम योदगान माना जाता है. राजीव गांधी ने ही पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. इसके अलावा गांवों के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के लक्ष्य से राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डलवाई थी.
राजीव गांधी कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे उसी वक्त उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से हुई. सोनिया गांधी इतालवी मूल की छात्रा थीं और उस वक्त कैम्ब्रिज में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं. दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और फिर बात परिवार तक पहुंची. दोनों ने 1968 में शादी की. दोनों के बच्चे का नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी है.
इंदिरा गांधी की हत्या के ठीक दो महीने बाद यानि दिसंबर 1984 में लोकसभा चुनाव हुए और इस चुनाव में कांग्रेस ने 524 सीटों में से 415 सीटों पर जीत दर्ज की.
राजीव गांधी के पिता का नाम फिरोज गांधी और माता का नाम इंदिरा गांधी है. उनके छोटे भाई का नाम संजय गांधी है.
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रदानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ घंटो बाद ही राजीव को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई.
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में मुंबई में हुआ. जब भारत को अंग्रेजी शासन की गुलामी से आजादी मिली तो इनकी उम्र महज तीन साल थी. देश आज़ाद हुआ और राजीव गांधी के नाना यानी जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.
राजीव गांधी की रुचि राजनीति में कभी नहीं रही. वह तो पायलट बनना चाहते थे लेकिन, जब 1980 में संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हुई तो अचानक से राजीव गांधी के लिए भी परिस्थियां बदल गई. उन्हें राजनीति में आना पड़ा और संजय गांधी की मृत्यु से खाली हुए उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से राजीव गांधी ने पहली बार उपचुनाव लड़ा. वह इस सीट से जीत गए और पहली बार संसद पहुंचे.
राजीव गांधी का बचपन तीन मुर्ति भवन में बीता. उनकी शिक्षा की बात करें तो वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया. वहां उनके कई मित्र बने जिनके साथ उनकी आजीवन दोस्ती बनी रही. बाद में उनके छोटे भाई संजय गांधी को भी इसी स्कूल में भेजा गया जहां दोनों साथ पढ़े. स्कूली शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद राजीव गांधी आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए. जल्द ट्रिनिटी कॉलेज को उन्होंने अलविदा कह दिया और लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए जहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है. वह इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. इस दौरान राजीव गांधी ने अपने कार्यों से देश की जनता के दिलोदिमाग पर अमिट छाप छोड़ी. एक ही कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है. युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21 वीं सदी के भारत का निर्माता भी कहा जाता है.
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