2017-18 रणजी ट्रॉफी में विदर्भ ने दिल्ली पर जो ऐतिहासिक जीत दर्ज की उस जीत के हीरो रहे तेज़ गेंदबाज रजनीश गुरबानी.
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उनकी इस हैट्रिक का ही कमाल रहा कि उनकी 59 पर छह विकेट वाली स्पेल की बदौलत विदर्भ ने पहली पारी में दिल्ली को 250 रनों पर समेट दिया.
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ऐतिहासिक ये रहा कि फाइनल मैच में 24 साल के इस युवा गेंदबाज़ ने पहली इनिंग में हैट्रिक ले ली.
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अपनी इस परफॉर्मेंस से वे क्रिकेट के इतिहास में तो अमर हो ही गए, पूरी उम्मीद है कि कुछ ही महीनों में होने वाले आईपीएल की नीलामी में भी उनकी ऊंची कीमत लगेगी.
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इस तेज़ गेंदबाज़ की हैट्रिक इसलिए भी ख़ास है क्योंकि उन्होंने इसे दो ओवरों में पूरा किया.
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आपको जानकर हैरानी होगी की गुरबानी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. लेकिन उससे ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि रणजी के इतिहास में ऐसा महज़ दूसरी बार हुआ है जब किसी गेंदबाज़ ने हैट्रिक ली है.
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इसके पहले रणजी में जो इकलौती हैट्रिक थी वो 1972-73 के सीज़न में बनी थी. तमिलनाडु के बी कल्याणसुंदरम ने ये हैट्रिक ली थी.
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इसके बाद विदर्भ के बल्लेबाज़ों ने इतनी बड़ी लीड ली कि दिल्ली की कमर तोड़ दी और टीम के लिए जीत का रास्ता साफ हो गया.
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इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकट्स लेने के मामल में गुरबानी दूसरे नंबर पर रहे. उनके हिस्से कुल 39 विकेट्स आईं.