उनकी इस यात्रा को मशहूर ब्रांड टाइटन का कोरपोरेट सोशल प्रोग्राम 'ईसीएचओ' सपोर्ट कर रहा है. ईसीएचओ का मतलब 'शिक्षित को आगे ले जाने के लिए' है. तस्वीर: फेसबुक
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राणा ने बताया कि उन्होंने पिता से सीखा है कि लड़कियां अगर पढेंगी तो आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी. तस्वीर: फेसबुक
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राणा के इंटरव्यू के मुताबिक, "मैं एक नॉन प्रोफेशनल स्केटर हूं. उन्होंने बताया कि बेंगलुरु से पुणे का रास्ता काफी मुश्किल भरा रहा." तस्वीर: फेसबुक
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राणा ने तमिलनाडु के होसुर से इस दौड़ की शुरुआत की. साथ ही 10 दिनों में 800 किलोमीटर का सफर तय कर रविवार को वो पुणे पहुंचे. राणा ने बताया कि पहली आठ सौ किलोमीटर के सफर ने उन्हें बहुत काफी कुछ सिखाया. तस्वीर: फेसबुक
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राणा स्केटिंग के जरिए इस पूरी यात्रा को 90 दिन में पूरा करेंगे और यह चारों दिशाओं से होकर यानी कुल 20 शहरों से गुजरेगी. इसमें चार मेट्रो शहर भी शामिल हैं. उनकी उम्मीद है कि यात्रा के तहत 25 हजार लड़कियों की शिक्षा के लिए 9 करोड़ रुपये जुटा पाएंगे. तस्वीर: फेसबुक
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देशभर में विशाखापत्तनम के बिजनेसमैन राणा उप्पलापति 37 साल की उम्र में लड़कियों की शिक्षा में सुधार और पैसे जुटाने के लिए दौड़ लगाने निकले हैं. राणा बताते हैं कि वो जन्म से ही आशावादी रहे हैं. उन्होंने पांच सितंबर से इस दौड़ की शुरुआत की थी जो पूरी छह हजार किलोमीटर की है. तस्वीर: फेसबुक