कोलेस्ट्राल के लिए रेड मीट और चिकन दोनों ही नहीं हैं अच्छे, रिसर्च ने किया दावा
ऐसा माना जाता है कि सफेद मांस की जगह रेड मीट का सेवन कोलेस्ट्राल के लिए ज्यादा खराब है, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये दोनों कोलेस्ट्राल के लिए समान रूप से खराब हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है. सभी फोटोः गेटी इमेज
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appये खबर शोध और एक्सपर्ट की के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
रोनाल्ड क्रॉस ने कहा कि मांस के विपरीत सब्जी, डेयरी उत्पाद और बीन्स कोलेस्ट्राल के लिए बेहतर पाए गए.
पिछले कुछ दशकों में दिल की बीमारियों के बढ़ने के बाद रेड मीट के सेवन में कमी आई है. इसकी जगह सफेद का सेवन बढ़ गया.
शोध में यह भी पाया गया कि वनस्पति से मिलने वाला प्रोटीन ब्लड कोलेस्ट्राल के लिए ज्यादा स्वास्थ्यकर है.
इस शोध के प्रमुख यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर रोनाल्ड क्रॉस ने कहा, जब हमने इस शोध की योजना बनाई तो हमें उम्मीद थी कि सफेद मीट की जगह रेट मीट का ब्लड कोलेस्ट्राल स्तर पर विपरीत प्रभाव मिलेगा. लेकिन हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि ब्लड कोलेस्ट्राल स्तर बढ़ाने में दोनों मीट का प्रभाव समान रहा.
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि रेड मीट और सफेद मीट का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ जाता है. इसके बजाय वनस्पति से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन ज्यादा मुफीद है.
शोध में कहा गया है कि कोलेस्ट्राल स्तर कम करने के लिए रेड मीट और सफेद मीट का सेवन नहीं करना चाहिए.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -