वहीं नतीजों में पाया गया कि जैसे ही फबिंग का स्तर बढ़ा तो लोगों की मूल जरुरतों पर खतरा पैदा हो गया. उनके बीच बातचीत की गुणवत्ता खराब रही और उनके रिश्ते ज्यादा संतोषजनक नहीं रहे.
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हर भागीदार को तीन अलग-अलग तरह की स्थिति दी गई. पहला कि आप बिल्कुल भी सेल फोन पर बात ना करे, दूसरा की आप सेल फोन पर मग्न रहें.
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इसके लिए उन्होंने 153 लोगों पर अध्ययन किया जिन्हें दो लोगों की बातचीत के एनिमेशन को देखने के लिए कहा गया और साथ ही यह मानने के लिए कहा गया कि उनमें से एक वह खुद हैं.
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ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के मनोचिकित्सकों ने किसी को नजरअंदाज करते हुए अपने फोन में लगे रहने वाले लोगों पर इसके प्रभाव की रिपोर्ट तैयार की है. उन्होंने इसे फबिंग का नाम दिया है.
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एक रिपोर्ट में पता चला है कि दूसरों को नजरअंदाज करके अपने सेल फोन में मग्न रहने (फबिंग) से रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ सकते हैं.
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अगर आप भी किसी के साथ होते हुए भी उसके साथ नहीं हैं यानी उससे बात करने के बजाय नजरें मोबाइल फोन में गड़ाए रहते हैं तो अब अलर्ट हो जाइए.
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उन्होंने पाया कि फबिंग बढ़ने से आपसी संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ता है.