रूस: भारी बहुमत के साथ पुतिन 2024 तक के लिए बने राष्ट्रपति
रूसी चेस गैंडमास्टर गैरी कास्परोव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पुतिन को इस जीत पर बधाई देने वाला फ्री वर्ल्ड का हर नेता लोकतंत्र के खिलाफ वैश्विक युद्ध में शामिल माना जाएगा. वो निष्पक्ष तौर पर चुने गए नेता की अपनी छवि को भी धुमिल करेगा.
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View In Appआपको बता दें कि इस जीत के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति को बधाई दी. हाल ही में चीन ने अपने देश के संविधान को बदलकर शी को आजीवन राष्ट्रपति चुन लिया है.
पुतिन को 2012 में 4.56 करोड़ (63.6 फीसदी) वोट मिले थे. 2000 में 3.97 करोड़ (52.9 फीसदी) वोट मिले थे जबकि 2004 में 4.96 करोड़ (7.131 फीसदी) लोगों ने उनका समर्थन किया था.
पुतिन ने चुनाव प्रचार के दौरान स्वयंसेवकों के अथक परिश्रम के लिए उनका आभार जताया. स्पुतनिक के अनुसार पुतिन ने रविवार रात कहा, मुझे लगता है कि हमारी टीम बहुत बड़ी है. मेरा मतलब उनसे है जिन्होंने आज वोट किया और जिनकी वजह से बेहतरीन नतीजे निकलकर सामने आए हैं. सीईसी के मुताबिक, अभी तक की मतगणना में कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन 11.87 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, रविवार को हुए चुनाव में लगभग 5.55 करोड़ मतदाताओं ने पुतिन के समर्थन में वोट किया. . पुतिन के खिलाफ सात उम्मीदवार खड़े हुए थे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश में हुए ताज़ा राष्ट्रपति चुनावों में हुई मतगणना में 76% से अधिक वोट मिले हैं. इसी के साथ साल 1999 से रूस के शासन को कभी राष्ट्रपति तो कभी प्रधानमंत्री के तौर पर चलाने वाले पुतिन एक बार फिर रूस की सत्ता अगले छह सालों तक संभालने के लिए तैयार हैं. पुतिन अब कम से कम 2024 तक सत्ता में बने रहेंगे और वो स्टालिन के बाद देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले नेता बन गए हैं. हालांकि उन्होंने आजीवन राष्ट्रपति बने रहने की संभावना को खारिज कर दिया. उन्होंने 2030 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बारे में एक सवाल पर कहा कहा, ‘‘क्या मैं100 साल का होने तक गद्दी पर बैठे रहने जा रहा हूं? नहीं.’’
वहीं उद्यमियों के अधिकारों के आयुक्त बोरिस तितोव को 0.75 फीसदी, कम्युनिस्ट्स ऑफ रशिया पार्टी के अध्यक्ष मैक्सिम सुरेकिन को 0.68 फीसदी और ऑल पीपुल्स यूनियन पार्टी के सर्गेइ बाबुरिन को 0.64 फीसदी वोट मिले हैं.
यूक्रेन से अलग कर क्रीमिया को अपने नियंत्रण में करने के बाद रूस में पहली बार चुनाव हुए हैं. हालांकि, यूक्रेन में रह रहे रूसी नागरिकों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई.
रूस में हुए इन चुनावों से जुड़ी सबसे बड़ी जानकारी ये है कि एक और बड़ी जीत के साथ रूस का शासन संभालने को तैयार पुतिन के राज में मुख्य विपक्षी नेता एलेक्सी नावाल्नी को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया. बीबीसी के मुताबिक, पुतिन के कट्टर विरोधी एलेक्सी नावल्नी पर धोखाधड़ी की वजह से चुनाव लड़ने पर बैन लगा हुआ है. जिसे एलेक्सी ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय की साजिश बताया था. एलेक्सी ने राष्ट्रपति चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था.
उनके बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रशिया के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्काइ 5.73 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं. वहीं, सिविल इनिशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचाक को 1.64 फीसदी वोट मिले हैं. याबलोको पार्टी के सह संस्थापक ग्रिगोरी यावलिनस्की को महज 1.02 फीसदी वोट मिले हैं.
एलेक्सी ने शुरुआती नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो अपने गुस्से को काबू करने में नाकाम हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, यह लेंट का सीजन है. मैं गुस्सा नहीं होऊंगा और ना ही चिल्लाउंगा. मैं अगले साल फिर कोशिश करूंगा.
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