B'day Special: वो खिलाड़ी जिसके एक शॉट से शुरू हो गई थी बहस
क्रिकेट की दुनिया में आज(27 जून) उस बल्लेबाज का जन्मदिन है जिसने अपनी 9 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में ही कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए. देश के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के साथ इन्होंने मॉर्डन क्रिकेट में उन्होंने बल्लेबाजी की नई गाथा लिखी. पीटरसन ने अपनी बल्लेबाजी में स्वीच हिट जैसा एक ऐसा शॉट निकाला जिसे लेकर विश्व क्रिकेट में बहस छिड़ गई.
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View In Appअपनी बल्लेबाजी के साथ ये क्रिकेटर विवादों में भी रहा. नियम से तंग आकर अपने जन्म लेने वाले देश को अलविदा कह दूसरे देश से खेलने का फैसला किया और जब मैदान पर उतरा तो हर कोई इसकी बल्लेबाजी से हैरान था.
हम बात कर रहें हैं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक केविन पीटरसन की. साउथ अफ्रीका में 1980 में जन्में पीटरसन ने इंग्लैंड के लिए 2005 में टेस्ट डेब्यू किया और 2014 तक टीम के साथ रहे. इस दौरान वो आखिरी के समय में अंदर बाहर भी होते रहे.
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 104 मैच में की 181 पारी में 23 शतक और 35 अर्द्धशतक के साथ कुल 8181 रन बनाए. अपने पहले ही टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों पारी में अर्द्धशतक लगा कर पीटरसन सुर्खियों में आ गए. एशेज के आखिरी टेस्ट की आखिरी पारी में 158 रनों की धमाकेदार पारी खेल पीटरसन स्टार बन चुके थे. जन्मदिन विशेष पर आपके लिए है पीटरसन की पांच सर्वश्रेष्ठ पारियां.
टी 20 विश्व कप(2010) 47 रन - आमतौर पर आप कहेंगे कि 47 रन कैसे सर्वश्रेष्ठ पारियों में हो सकता है लेकिन यकीन मानिए एक ऐसे देश के लिए जिसने कभी विश्व कप नहीं जीता हो उसके लिए फाइनल में खेलने का दबाव किसी और टीम से कहीं ज्यादा होगी. ऐसी मनोदशा के बीच जब सात रन पर ही पहला विकेट गिरा हो तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. बनते और बढ़ते दबाव के बीच पीटरसन ने 31 गेंद में 47 रनों की पारी खेल टीम को पहला विश्व कप जीताया. उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था.
बनाम पाकिस्तान 2012 - 3 मैचों की सीरीज में इंग्लैंड का सूपड़ा साफ हो चुका था. लेकिन वनडे में खेल बदला और टीम की किस्मत भी. वनडे फॉर्मेट में पीटरसन सलामी बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी कर रहे थे. 18 फरवरी को उन्होंने नाबाद 111 रनों की पारी खेली थी लेकिन 21 फरवरी का मैच उनके करियर की सबसे बेहतरीन वनडे पारियों में से एक रही. 238 के लक्ष्य के सामने टीम 68 पर 4 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन पीटरसन एक छोर पर डटे रहे और 153 गेंद पर 130 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलामे में अहम भूमिका निभाई.
एशेज दूसरा टेस्ट 2010 - पीटरसन बल्लेबाजी की ऊंचाई पर थे. मैदान पर आते ही शतक लगा रहे थे. एडिलेड में खेला गए इस मुकाबले में उन्होंने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाया. उनकी 227 रनों की पारी उन पारियों में से एक है जिसे क्रिकेट फैन्स बार बार देखना चाहेंगे. तेज और स्पिन अटैक के सामने पीटरसन काफी खतरनाक बल्लेबाजी कर रहे थे. विकेट से हटकर,आगे निकल कर मैदान के हर तरफ शॉट लगाए और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
मुंबई टेस्ट,186 रन - भारतीय क्रिकेट फैन्स इस पारी को कभी भूल नहीं पाएंगे, 2012 में खेले गइ इस टेस्ट में पीटरसन अलग ही लय में थे. स्पिन लेती पिच पर उन्होंने 316 गेंद में 186 रनों की पारी खेल भारत से जीत छीन लिया. मुकाबला इंग्लैंड ने जीता और इसका ऐसा असर हुआ कि सीरीज में बढ़त बनाने के बाद भारतीय टीम सीरीज इंग्लैंड से अपने ही घर में हार गई.
एशेज 2005 - पीटरसन की पहली सीरीज. पहले ही मैच में रिकॉर्ड बुक में शामिल हो कर सुर्खियां बटोर चुके थे. लेकिन प्रतिभा निखर कर सामने आई एशेज के आखिरी टेस्ट में. ऑस्ट्रेलिया सीरीज बराबरी करने की पूरी कोशिश में था लेकिन सामने अपने मास्टरक्लास के साथ पीटरसन खड़े थे. अपनी 158 रनों की पारी के साथ उन्होंने न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई उम्मीद को तोड़ा बल्कि 1980 के बाद पहली बार देश को एशेज दिलाया. पहले ही सीरीज के बाद पीटरसन हीरो बन चुके थे.
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