महान खिलाड़ी जो नहीं लगा पाए टेस्ट मैचों का शतक
टेस्ट क्रिकेट में एकतरफ सचिन तेंदुलकर हैं जिन्होंने सबसे अधिक 200 टेस्ट मैच खेले तो एक तरफ एलिएस्टर कुक हैं जिन्होंने लगातार 154 टेस्ट खेल लिए. लेकिन कुछ ऐसे क्रिकेटर भी हुए जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी से तूफान तो लाया लेकिन 100 टेस्ट का आंकड़ा नहीं पार कर पाए.
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View In Appमोहम्मद युसूफ - युसूफ योहन्ना के नाम से क्रिकेट शुरू करने वाले दाएं हाथ के शानदार बल्लेबाज मोहम्मद युसूफ ने 2006 के सीजन में 100 के औसत से 1788 रन बना डाले. करियर में 24 शतक और 33 अर्द्धशतक के साथ युसूफ के नाम 7530 रन हैं. लेकिन साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया का दौर इनके करियर के लिए काल बन कर आया. टीम को हार मिली और बोर्ड ने युसूफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें बैन कर दिया. बैन के जवाब में मोहम्मद यूसुफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. इन्होंने जब संन्यास लिया तो इनके खाते में 90 टेस्ट थे. अगर ये खेलते रहते तो निश्चित तौर पर देश के लिए सबसे अधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिस्ट में शामिल होते.
महेन्द्र सिंह धोनी - भारतीय टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी वनडे या टी 20 की तरह टेस्ट में अपने बल्ले से सफल नहीं हो पाए. हालाकि कप्तानी की बदौलत इन्होंने भारत को कई सीरीज में जीत दिलाई और नंबर वन टेस्ट टीम भी बनाया. लेकिन 2014 का ऑस्ट्रेलिया दौरा इनका अंतिम टेस्ट लेकर आया. बल्ले से फ्लॉप होने के कारण धोनी पर दबाव था और हार के साथ बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को विदेश में ही अलविदा कह दिया. धोनी ने अपने करियर में 90 टेस्ट खेला लेकिन बोर्ड को विदाई मैच का मौका नहीं दिया. 90 टेस्ट की 144 पारी में धोनी ने 38 के औसत से 4876 रन बनाए जिसमें 6 शतक और 33 अर्द्धशतक शामिल रहे. 224 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था.
एडम गिलक्रिस्ट - अपनी बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट का इतिहास और भूगोल बदलने वाले एडम गिलक्रिस्ट उन खिलाड़ियों में शामिल रहे जो टेस्ट क्रिकेट का शतक नहीं लगा पाए. 1999 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले गिलक्रिस्ट ने 2008 में संन्यास ले लिया. लेकिन अपने छोटे से करियर में वो भविष्य के कई खिलाड़ियों के आदर्श बन गए जिनमें धोनी और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं. गिलक्रिस्ट ने कुल 96 टेस्ट खेले जिसमें 47.60 के बेहतरीन औसत के साथ 5570 रन बनाए. अपने करियर में गिलक्रिस्ट ने 17 शतक और 26 अर्द्धशतक शामिल थे. एक समय उनके नाम सबसे तेज दोहरे शतक का भी रिकॉर्ड था.
कर्टली एम्ब्रोस - वेस्टइंडीज के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक कर्टली एम्ब्रोस को विश्व के महान गेंदबाजों में से एक माना जाता है. 6 फुट 7 इंच की लंबाई के साथ हाई आर्म एक्शन एम्ब्रोस को खतरनाक गेंदबाज बना देती थी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में 1 रन देकर सात विकेट लेने का कारनामा भला कौन भूल सकता है. 12 साल के लंबे करियर में शायद ही कभी ऐसा रहा हो कि एम्ब्रोस आउठ ऑफ फॉर्म हुए. लेकिन अंतिम के समय में पीठ दर्द और टीम की हार ने इन्हें तोड़ दिया और 98 टेस्ट खेलने के बाद इन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. अपने करियर में एम्ब्रोस ने 405 विकेट झटके जबकि उनका औसत लगभग 21 का था. संन्यास के बाद मस्तमौला एम्ब्रोस अपने गाने बजाने के शौक में लग गए.
मोहम्मद अजहरुद्दीन - जिस प्लेयर का टेस्ट डेब्यू ही रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाए उसके आगे और क्या कहा जाए. 1985 में टेस्ट डेब्यू करने वाले अजहर ने पहले तीन टेस्ट में शतक लगा कर ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाया जो आज तक कोई तोड़ नहीं पाया. टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे तेज शतक लगाने वाले अजहर के करियर का अंत मैच फिक्सिंग विवाद के साथ हुआ. भले ही कोर्ट से अजहर को राहत मिली लेकिन बीसीसीआई ने आजीवन बैन लगा दिया. अजहर अपना 100वां टेस्ट नहीं खेल पाए. 99 टेस्ट की 147 पारी में अजहर ने 6215 रन बनाए. जिसमें 22 शतक और 21 अर्द्धशतक शामिल थे. अजहर विश्व के उन महान खिलाड़ियों में शामिल रहे जिनका अर्द्धशतक शतक से कम था.
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