एक्सप्लोरर
मुंबई इंडियंस के IPL 11 से बाहर होने के पांच बड़े कारण
1/7
![तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में अपने खिताब को नहीं बचा पाई. लीग के अंतिम मुकाबले में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 11 रनों से हराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए डिफेंडिंग चैंपियन को सिर्फ जीत की जरूरत थी लेकिन 175 का लक्ष्य टीम के लिए भारी पड़ गया और अंत में टीम 163 रन ही बना सकी.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में अपने खिताब को नहीं बचा पाई. लीग के अंतिम मुकाबले में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 11 रनों से हराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्ले ऑफ में पहुंचने के लिए डिफेंडिंग चैंपियन को सिर्फ जीत की जरूरत थी लेकिन 175 का लक्ष्य टीम के लिए भारी पड़ गया और अंत में टीम 163 रन ही बना सकी.
2/7
![हर बार की तरह मुंबई की शुरुआत हार के साथ ही हुई लगातार हार के बाद जीत की पटरी पर लौटने की मुंबई की पुरानी आदत है और इतिहास ने इस बार भी खुद को दोहराया लेकिन इस बार टीम प्ले में जगह नहीं बना पाई. मुंबई की क्या रही कमजोरी आगे देखिए. अगर आप की राय कुछ अलग है तो अपनी राय जरूर दीजिए](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/pr6UbPlPj6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हर बार की तरह मुंबई की शुरुआत हार के साथ ही हुई लगातार हार के बाद जीत की पटरी पर लौटने की मुंबई की पुरानी आदत है और इतिहास ने इस बार भी खुद को दोहराया लेकिन इस बार टीम प्ले में जगह नहीं बना पाई. मुंबई की क्या रही कमजोरी आगे देखिए. अगर आप की राय कुछ अलग है तो अपनी राय जरूर दीजिए
3/7
![शुरुआत नहीं दे सके एविन लुईस - वेस्टइंडीज के इस धाकड़ बल्लेबाज को मुंबई ने 3.80 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था लेकिन बतौर सलामी बल्लेबाज लुईस अपनी छाप नहीं छोड़ पाए. मुंबई ने उन्हें 13 मुकाबलों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया लेकिन पूरे सीजन में उनके बल्ले से सिर्फ दो अर्द्धशतक आए जिनके सहारे उन्होंने 382 रन बनाए. उनका औसत 29.38 का रहा तो स्ट्राइक रेट 138 का. बतौर ओपनर मुंबई को उनसे धमाकेदार शुरुआत की उम्मीद थी लेकिन एक-दो मैच को छोड़ दें तो वो बड़ी पारी नहीं खेल पाए.](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/qQnxI3ICTG.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शुरुआत नहीं दे सके एविन लुईस - वेस्टइंडीज के इस धाकड़ बल्लेबाज को मुंबई ने 3.80 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था लेकिन बतौर सलामी बल्लेबाज लुईस अपनी छाप नहीं छोड़ पाए. मुंबई ने उन्हें 13 मुकाबलों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया लेकिन पूरे सीजन में उनके बल्ले से सिर्फ दो अर्द्धशतक आए जिनके सहारे उन्होंने 382 रन बनाए. उनका औसत 29.38 का रहा तो स्ट्राइक रेट 138 का. बतौर ओपनर मुंबई को उनसे धमाकेदार शुरुआत की उम्मीद थी लेकिन एक-दो मैच को छोड़ दें तो वो बड़ी पारी नहीं खेल पाए.
4/7
![रोहित शर्मा का फ्लॉप शो - मुंबई इंडियंस की जीत में कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले का बड़ा योगदान रहता है. रोहित शर्मा का बल्ला जब भी चलता है टीम को जीत ही मिलती है. लेकिन इस बार रोहित अपने टच में नहीं दिखे. रोहित अभी तक मुंबई इंडियंस में अपने लिए सही बल्लेबाजी क्रम नहीं ढूंढ पाए हैं. सलामी भूमिका से वो मिडिल ऑर्डर तक में खेले. कभी पहले नंबर पर उतरे तो कभी उससे भी नीचे. लेग स्पिनर के सामने उनका बल्ला पहले से ही खामोश रहा है. इस सीजन के सभी 14 मुकाबलों को देखें तो रोहित के बल्ले से सिर्फ 286 रन आए. उनका औसत भी 24 से कम रहा. पूरे सीजन में सिर्फ दो बार अपनी पारी को अर्द्धशतक से आगे ले जा सके.](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/tYEibLV1er.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रोहित शर्मा का फ्लॉप शो - मुंबई इंडियंस की जीत में कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले का बड़ा योगदान रहता है. रोहित शर्मा का बल्ला जब भी चलता है टीम को जीत ही मिलती है. लेकिन इस बार रोहित अपने टच में नहीं दिखे. रोहित अभी तक मुंबई इंडियंस में अपने लिए सही बल्लेबाजी क्रम नहीं ढूंढ पाए हैं. सलामी भूमिका से वो मिडिल ऑर्डर तक में खेले. कभी पहले नंबर पर उतरे तो कभी उससे भी नीचे. लेग स्पिनर के सामने उनका बल्ला पहले से ही खामोश रहा है. इस सीजन के सभी 14 मुकाबलों को देखें तो रोहित के बल्ले से सिर्फ 286 रन आए. उनका औसत भी 24 से कम रहा. पूरे सीजन में सिर्फ दो बार अपनी पारी को अर्द्धशतक से आगे ले जा सके.
5/7
![खत्म हो गया पोलार्ड पावर - कितने ही सीजन हो गए लेकिन कायरन पोलार्ड कभी भी पूरे सीजन में एक समान नहीं खेलते हैं. पिछले कुछ सीजन में उनका बल्ला किसी एक मैच में चलता है तो दूसरी तरफ उन्हें गेंदबाजी भी नहीं दी जाती. मुंबई ने 5.40 करोड़ रुपये खर्च कर उन्हें आरटीएम के सहारे टीम से जोड़ा था. लेकिन 9 मैच में उनके बल्ले से सिर्फ 133 रन आए. मुंबई के लिए पोलार्ड काफी महंगे साबित हुए उनका एक रन 4 लाख 60 हजार का आया. पोलार्ड का सर्वोच्च स्कोर 50 रहा और उनका स्ट्राइक रेट 133 का.](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/KfgULRKoyw.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
खत्म हो गया पोलार्ड पावर - कितने ही सीजन हो गए लेकिन कायरन पोलार्ड कभी भी पूरे सीजन में एक समान नहीं खेलते हैं. पिछले कुछ सीजन में उनका बल्ला किसी एक मैच में चलता है तो दूसरी तरफ उन्हें गेंदबाजी भी नहीं दी जाती. मुंबई ने 5.40 करोड़ रुपये खर्च कर उन्हें आरटीएम के सहारे टीम से जोड़ा था. लेकिन 9 मैच में उनके बल्ले से सिर्फ 133 रन आए. मुंबई के लिए पोलार्ड काफी महंगे साबित हुए उनका एक रन 4 लाख 60 हजार का आया. पोलार्ड का सर्वोच्च स्कोर 50 रहा और उनका स्ट्राइक रेट 133 का.
6/7
![विदेशी प्लेयर का इस्तेमाल - तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस इस बार अपने विदेशी खिलाड़ियों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाई. पोलार्ड पर अतिविश्वास ने स्पिन के बेहतरीन खिलाड़ी जे पी डुमिनी को बाहर ही रहने दिया. पोलार्ड के कारण मुंबई का मिडिल ऑर्डर भी अस्त व्यस्त रहा. मुस्तफिजुर रहमान भी इस सीजन सिर्फ सात मैच ही खेल पाए. जबकि मुंबई ने उन पर दांव लगाया था. मुस्तफिजुर से ज्यादा मिचेल मैक्कलेनेघन को मौका मिला जो कि अनसोल्ड रहे थे और मुंबई ने रिप्लेसमेंट के लिए उन्हें टीम से जोड़ा था. बेन कटिंग को भी बल्ले से ज्यादा खेल दिखाने का मौका नहीं मिला. उन्हें सिर्फ 9 मैच में ही प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया गया. अंतिम मैच में उन्होंने दिखाया कि अगर पहले मौका दिया गया होता तो लोउर मिडिल ऑर्डर में और अच्छा खेल दिखा सकते थे.](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/a4eFDiKHYz.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विदेशी प्लेयर का इस्तेमाल - तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस इस बार अपने विदेशी खिलाड़ियों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाई. पोलार्ड पर अतिविश्वास ने स्पिन के बेहतरीन खिलाड़ी जे पी डुमिनी को बाहर ही रहने दिया. पोलार्ड के कारण मुंबई का मिडिल ऑर्डर भी अस्त व्यस्त रहा. मुस्तफिजुर रहमान भी इस सीजन सिर्फ सात मैच ही खेल पाए. जबकि मुंबई ने उन पर दांव लगाया था. मुस्तफिजुर से ज्यादा मिचेल मैक्कलेनेघन को मौका मिला जो कि अनसोल्ड रहे थे और मुंबई ने रिप्लेसमेंट के लिए उन्हें टीम से जोड़ा था. बेन कटिंग को भी बल्ले से ज्यादा खेल दिखाने का मौका नहीं मिला. उन्हें सिर्फ 9 मैच में ही प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया गया. अंतिम मैच में उन्होंने दिखाया कि अगर पहले मौका दिया गया होता तो लोउर मिडिल ऑर्डर में और अच्छा खेल दिखा सकते थे.
7/7
![स्पिनर की कमी - मयंक मार्कन्डे ने अपने पहले सीजन में हर किसी को प्रभावित किया. पहले मैच से ही वो सुर्खियों में आ गए. लेकिन मुंबई को एक वर्ल्ड क्लास स्पिनर की कमी जरूर खली. अब तक हरभजन सिंह टीम के साथ थे लेकिन इस सीजन में उनके पास कोई भी अनुभवी स्पिनर नहीं था. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. क्रुणाल अभी तक उस स्तर के स्पिनर नहीं बन पाए हैं जहां से वो मैच निकाल कर टीम को दें.](https://wcstatic.abplive.in/prod/wp-content/uploads/2018/05/CO5IIEE70N.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
स्पिनर की कमी - मयंक मार्कन्डे ने अपने पहले सीजन में हर किसी को प्रभावित किया. पहले मैच से ही वो सुर्खियों में आ गए. लेकिन मुंबई को एक वर्ल्ड क्लास स्पिनर की कमी जरूर खली. अब तक हरभजन सिंह टीम के साथ थे लेकिन इस सीजन में उनके पास कोई भी अनुभवी स्पिनर नहीं था. जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. क्रुणाल अभी तक उस स्तर के स्पिनर नहीं बन पाए हैं जहां से वो मैच निकाल कर टीम को दें.
Published at :
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
महाराष्ट्र
बॉलीवुड
टेक्नोलॉजी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion