अफगानिस्तान क्रिकेट के विकास में 17 साल से साथ है भारत, अब बनेगा पहले टेस्ट का गवाह
अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए गुरुवार 14 जून का दिन बेहद खास होने वाला है. छोटे फॉर्मेट में धमाकेदार प्रदर्शन के बाद टीम अपने पहले टेस्ट के लिए तैयार है. बेंगुलरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में उसका सामना टेस्ट की नंबर वन टीम भारत से होगा. (तस्वीरें अफगान क्रिकेट बोर्ड के ट्विटर हैंडल से)
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View In Appआईसीसी ने पिछले साल आयरलैंड और अफगानिस्तान को टेस्ट टीम का दर्जा दिया था. आयरलैंड ने अपना टेस्ट डेब्यू पाकिस्तान के साथ किया था जहां उसे पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. आयरलैंड क्रिकेट को काउंटी क्रिकेट से काफी फायदा मिला लेकिन अफगानिस्तान के साथ ऐसा नहीं था.
आतंकवाद के साए में क्रिकेट का जन्म होना खुद में बड़ी बात है लेकिन अफगानिस्तान के क्रिकेटरों ने हर मुश्किल हालातों से बाहर आते हुए एक बेहतर टीम तैयार की और आज टेस्ट खेलने के लिए तैयार है.
2001 में आईसीसी ने अफगानिस्तान को क्रिकेट प्लेइंग नेशन का दर्जा दिया और तब से भारत ने अफगानिस्तान क्रिकेट के विकास में हर संभव मदद की.
भारत ने अफगानिस्तान को ग्रेटर नोएडा का नया स्टेडियम दिया जो कि उनका नया घर बना. खिलाड़ियों ने यहां जमकर मेहनत की और साल दर साल उनकी मेहनत कामयाबी में बदलती गई.
इतना ही नहीं भारत ने अफगानिस्तान के कंधार में नए स्टेडियम का निर्माण भी कराया ताकि वहां से अच्छे युवा खिलाड़ी विश्व क्रिकेट में प्रवेश कर सके.
और ऐसा हुआ भी राशिद खान और मोहम्मद नबी के बाद अब हर कोई 17 साल के मुजीब को भी पहचानता है जो आईपीएल के जरिए हर दिल पर अपनी छाप छोड़ते जा रहे हैं.
कल होने वाले इस ऐतिहासिक मैच के गवाह देश के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ. अब्दुल्ला अबदुल्ला बनेंगे तो वहीं भारत सरकार का प्रतिनिधित्वि खेल और युवा राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर करेंगे.
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