इस तरह हारी हुई बाज़ी जीत गई CSK, यहां जानें आखिरी 3 ओवरों का पूरा हाल
सनराइज़र्स हैदराबाद के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स ने एक बार फिर से बता दिया आखिर उन्हें चैम्पियन टीम क्यों कहा जाता है. बीती रात हारी हुई बाज़ी को जीतकर सीएसके ने आईपीएल सीज़न 11 के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है.
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View In Appमैन ऑफ द मैच फाफ डू प्लेसी ने 42 गेंदों में 67 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए पहले क्वालीफायर मैच में हैदराबाद के मुंह से जीत छीनी और अपनी टीम को बड़ी जीत दिला दी.
वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस मैच में हैदराबाद ने पहले खेलते हुए 140 रन बनाए. जिसके जबाव में एक समय चेन्नई ने अपने आठ विकेट 113 रनों पर ही खो दिए थे, लेकिन डूप्लेसी ने अंत तक टिककर टीम को जीत दिलाई.
लेकिन मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुई पारी का 18वां ओवर. जब हैदराबाद के कप्तान विलियमसन ने भुवनेश्वर या सिद्धार्थ कौल की जगह ब्रैथवेट को गेंद सौंप दी.
जब विलियमसन ने भरोसा जताते हुए ब्रैथवेट को गेंद सौंपी तो चेन्नई को जीत के लिए 18 गेंदों पर 43 रनों की दरकार थी. इस समय चेन्नई की टीम 8 विकेट गंवा चुकी ती. क्रीज़ पर फाफ डू प्लेसी के साथ हरभजन सिंह मौजूद थे.
लेकिन यहीं से चेन्नई की पारी ने गियर चेंज किया, हरभजन सिंह ने ओवर की पहली गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक डू प्लेसी को सौंप दी. अगली ही गेंद पर डूप्लेसी ने चौका लगाकर रनों का अंतर कम किया.
इसके बाद ब्रैथवेट ने लेग साइड पर फुल डिलीवरी फेंकी जिसे डूप्लेसी ने छह रनों के लिए पहुंचा दिया और एक बार फिर मोमेंट सीएसके की तरफ दिखने लगा. इसके बाद डूप्लेसी ने ओवर की चौथी गेंद को भी नहीं बख्शा और चौका लगाकर फासला और कम कर दिया.
अब सीएसके को जीत के लिए 14 गेंदों पर 27 रनों की दरकार थी. लेकिन अगली ही गेंद पर हरभजन सिंह आउट हो गए और एक बार फिर मैच में टर्निंग पॉइंट आ गया. लेकिन ओवर की आखिरी गेंद पर एक और चौका बटोरकर डूप्लेसी ने अपने इरादे साफ ज़ाहिर कर दिए.
इस ओवर के बाद चेन्नई को जीत के लिए 12 गेंदों पर 23 रनों री दरकार थी और क्रीज़ पर डूप्लेसी का साथ देने के लिए शार्दुल ठाकुर आ गए थे. उन्होंने कौल के ओवर की पहली दोनों गेंदों पर चौका लगाया और हैदराबाद की उम्मीदों को लगभग धराशायी कर दिया.
ओवर की आखिरी गेंद पर भी शार्दुल के चौके के साथ चेन्नई के लिए मुकाबला बिल्कुल आसानी से पक्ष में हो गया.
अंतिम ओवर में हैदराबाद के पास मैच बचाने के लिए 6 रन थे. लेकिन डूप्लेसी ने भुवनेश्वर के ओवर की पहली गेंद को छह रनों के लिए पहुंचाकर टीम को आसानी से जीत दिला दी.
डू प्लेसी ने अपनी नाबाद पारी में पांच चौके और चार छक्के लगाए. अंत में शार्दूल ठाकुर ने भी डु प्लेसिस का अच्छा साथ दिया और पांच गेंदों में तीन चौकों की मदद से उपयोगी 15 रन बनाए. वह भी नाबाद लौटे.
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