Photos: वर्ल्ड कप 2023 में दूसरी टीमों से धूम मचा रहे ये 6 भारतीय मूल के क्रिकेटर्स
न्यूजीलैंड के रचिन रविंद्र इस वर्ल्ड कप में बल्ले से खूब धमाल मचा रहे हैं. उनके खाते में इस टूर्नामेंट में 400 से ज्यादा रन दर्ज हो चुके हैं. रचिन का जन्म वेलिंग्टन में हुआ है लेकिन उनके माता-पिता भारत के ही रहने वाले थे. रचिन के माता-पिता बेंगलुरु से हैं और रचिन के जन्म से पहले ही न्यूजीलैंड आकर बस गए थे. रचिन के पिता बेंगलुरु में क्लब क्रिकेट भी खेला करते थे.
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View In Appन्यूजीलैंड की वर्ल्ड कप स्क्वाड में शामिल स्पिनर ईश सोढ़ी भी भारतीय मूल के हैं. उनके नाना-नानी दोनों पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले थे, जो साल 1947 में विभाजन के बाद भारत आकर बस गए थे. इसके बाद ईश के माता-पिता न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में बसे. यहीं पर ईश का जन्म भी हुआ.
दक्षिण अफ्रीका के लिए इस वर्ल्ड कप में मैच जिताऊ स्पिनर साबित हो रहे केशव महाराज का पूरा नाम केशव आत्मानंद महाराज है. उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में हुआ. उनके पिता का नाम आत्मानंद और मां का नाम कंचन माला है. उनके पूर्वज भारत के उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले थे, जो साल 1874 में डरबन शिफ्ट हो गए थे.
विक्रमजीत सिंह का पूरा परिवार नीदरलैंड में रहता है. उनके परिवार का ट्रांसपोर्ट से जुड़ा बिजनेस है. हालांकि उनके रिश्तेदार भारत में ही रहते हैं. यही कारण है कि विक्रमजीत भारत आते-जाते रहे हैं. साल2016 से 2018 तक, विक्रमजीत ने चंडीगढ़ में गुरु सागर क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट कोचिंग ली. इसके बाद जालंधर के पास बाजरे गांव में एक क्रिकेट अकादमी में भी उन्होंने प्रशिक्षण लिया.
नीदरलैंड्स के बल्लेबाज अनिल तेजा निदामनुरु का जन्म आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुआ था. वह जब 6 साल के थे, तभी उनकी मां न्यूजीलैंड आ गईं थीं. ऑकलैंड में उन्होंने काफी क्रिकेट खेला है. उन्होंने मार्क चैपमैन, कॉलिन मुनरो, ग्लेन फिलिप्स जैसे न्यूजीलैंड के मौजूदा खिलाड़ियों के साथ भी क्रिकेट खेला लेकिन वे न्यूजीलैंड की टीम में जगह नहीं बना सके. यही कारण रहा कि उन्होंने साल 2019 में नीदरलैंड्स का रूख किया और मई 2022 में डच टीम में शामिल भी हो गए.
नीदरलैंड्स के 20 वर्षीय ऑफ स्पिनर आर्यन दत्त की जड़े भी भारत से जुड़ी हुई हैं. उनके पिता पंजाब के होशियारपुर में रहते थे. 1980 में आर्यन के माता-पिता नीदरलैंड्स शिफ्ट हो गए. आर्यन ने जब क्रिकेट में करियर बनाने की ठानी तो वह 13 साल की उम्र में कुछ समय के लिए भारत भी आए. उन्होंने चंडीगढ़ में क्रिकेट का प्रशिक्षण लिया.
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