IND vs ENG: इंजीनियरिंग, बैटिंग और पेस बॉलिंग छोड़ रविचंद्रन अश्विन बने स्पिनर, 100वें टेस्ट तक आसान नहीं था सफर
रविचंद्रन अश्विन भारत के लिए 100वां टेस्ट खेल रहे हैं. धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का आखिरी मुकाबला खेल रही है, जो भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का 100वां टेस्ट है.
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View In Appचेन्नई से आने वाले भारतीय स्पिनर के लिए 100वें टेस्ट तक पहुंचने की राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी. उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. भारत के लिए दिग्गज स्पिनर बनने से पहले अश्विन ने कई चीज़ों में हाथ आज़माया. अन्ना के नाम से मशहूर के पास अश्विन के पास इंजीनियरिंग की डिग्री मौजूद है, लेकिन उन्होंने इसके बावजूद क्रिकेट को पेशा बनाया.
स्पिनर बनने से पहले अश्विन ने बैटिंग और पेस बॉलिंग में भी हाथ आज़माया. धर्मशाला टेस्ट से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि अश्विन करियर के शुरुआती दौर में बैटर बनना चाहते थे और वह ओपनिंग किया करते थे.
इसके अलावा अश्विन करियर की शुरुआत में पेस बॉलिंग भी करते थे, लेकिन उनके बचपन के कोच सीके विजय ने उन्हें ऑफ स्पिन बॉलिंग करने की सलाह दी. कोच की इस सलाह से आज भारत के पास अश्विन के रूप में नायाब स्पिनर मौजूद है.
वहीं उनकी इंजीनियरिंग डिग्री की बात करें तो अश्विन ने एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री हासिल की थी. अन्ना पढ़ाई में काफी अच्छे थे, लेकिन फिर भी उन्होंने क्रिकेट को चुना.
बता दें कि अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दिल्ली में खेले गए मुकाबले के ज़रिए टेस्ट डेब्यू किया था. अब तक उन्होंने 99 टेस्ट खेल लिए हैं, जिनकी 187 पारियों में बॉलिंग करते हुए 23.91 की औसत से 507 विकेट चटका लिए हैं.
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