PHOTOS: भारत के वे 5 खिलाड़ी जिनकी किस्मत ने नहीं दिया साथ, अच्छे प्रदर्शन के बावजूद इंटरनेशनल में नहीं मिला मौका
मुंबई के खिलाड़ी अमोल मजूमदार ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया. इसके अलावा इस खिलाड़ी को भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. अमोल मजूमदार ने घरेलू क्रिकेट में मुंबई के अलावा असम और आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. दरअसल, सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत अचरेकर ने अमोल मजूमदार को क्रिकेट के गुर सिखाए, लेकिन किस्मत ने इस खिलाड़ी का साथ नहीं दिया.
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View In Appजलज सक्सेना घरेलू क्रिकेट के बड़े नाम रहे हैं. इस खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. इसके अलावा वह इंडिया रेड, सेन्ट्रल जॉन मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली कैपिटल्स जैसी टीमों का हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद जलज सक्सेना को टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिला.
मिथुन मन्हास ने घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन खेल का नजारा पेश किया. इसके अलावा वह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स, पुणे वारियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा रहे, लेकिन भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. मिथुन मन्हास ने आईपीएल में 55 मुकाबले खेले.
अमरजीत कायपी की गिनती 80 और 90 के दशक में बड़े बल्लेबाज के तौर पर होती थी. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम 52.27 की औसत से 7894 रन बनाए. साथ ही 27 बार शतक का आंकड़ा पार किया, लेकिन भारत के लिए नहीं खेल सके.
राजिंदर गोयल सबसे अनलकी क्रिकेटर माने जाते हैं. इस खिलाड़ी ने 1958/59 सीजन में रणजी डेब्यू किया था. वह रणजी इतिहास में आज भी सबसे ज्यादा 639 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. राजिंदर गोयल साल 1885 तक घरेलू क्रिकेट खेलते रहे, लेकिन किस्मत का साथ नहीं मिला. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में हरियाणा और दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया.
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