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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
In Pics: जब दिग्गज मुथैया मुलरीधरन पर लगा था ‘चकिंग’ का आरोप, सेम अंपायर्स ने दो बार खड़ी की थी मुश्किलें
श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुलरीधरन ने टेस्ट में सबसे ज़्यादा 800 विकेट चटकाए हैं. उनका करियर काफी शानदार रहा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें अपने करियर में ‘चकिंग’ बॉलिंग के आरोप का सामना करन पड़ा था.
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View In Appदिग्गज को 1995-96 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए एक मैच में पहली बार ‘चकिंग’ के आरोप का सामना करना पड़ा था. अवैध बॉलिंग एक्शन को ‘चकिंग’ कहा जाता है. वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेले जा रहे मैच में अंपायर टोनी मैकक्विलन ने उनके मुरलीधरन की ऑफ ब्रेक गेंद को नो बॉल करार दे दिया था.
आईसीसी के नियम के मुताबिक, बॉलिंग में गेंदबाज़ 15 डिग्री तक अपना हाथ मोड़ सकता है, अगर हाथ इससे ज़्यादा मुड़ता है तो इसे अवैध माना जाएगा या ‘चकिंग’ कहा जाएगा. वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच में अंपायर के नो बॉल देने के बाद मुरलीधरन को अपने ओवर की बाकी गेंदें लेग स्पिन फेंकनी पड़ी थीं.
मुरलीधरन को टूर्नामेंट के बाकी मैच मिस करने पड़े. आईसीसी ने इसके लिए बायोमैकेनिक्स क्षेत्र के अधिकारियों को नियुक्त किया. मुरलीधरन को कई टेस्ट से गुज़रना पड़ा और एक क्लीन चिट हासिल कर उन्होंने एक बार फिर मैदान पर वापसी की.
इसके तीन साल बाद यानी 1999 में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया दौरा किया और 23 जनवरी 1999 को एक बार फिर ऐसा हुआ कि मुरलीधरन पर सेम अंपायर टोनी मैकक्विलन और रॉस इमर्सन ने उन पर चकिंग यानी थ्रो करने का आरोप लगाया. तत्कालीन श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने इस बार अपने गेंदबाज़ का साथ दिया और अंपायर से भिड़ गए.
अर्जुन रणतुंगा ने अंपायर्स के विरोध में खिलाड़ियों के साथ मैदान छोड़ दिया और बाहर जाकर खड़े हो गए. इसके बाद, इमर्सन के टूर्नामेंट के बाकी मैचों में अंपायरिंग करने रोक दिया गया था.
गौरतलब है कि मुथैया मुरलीधरन ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 133 टेस्ट, 350 वनडे और 12 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. टेस्ट में उन्होंने 800, वनडे में 534 और टी20 इंटरनेशनल में 13 विकेट चटकाए हैं.
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