Shardiya Navratri 2022: बिहार के इस मंदिर में आज भी होते हैं चमत्कार, मां मुंडेश्वरी करती है भक्तों की हर मुराद पूरी
Mundeshwari Temple History: बिहार (Bihar) की अपनी एक भव्य संस्कृति और शानदार इतिहास है. इस प्रदेश में कई बड़े धार्मिक मान्यताओं वाले मंदिर, मठ और धर्मस्थान मौजूद हैं जो भक्तो के लिए बड़ी आस्था का केंद्र हैं. आज हम आपको बताएंगे बिहार में माता के एक ऐसे धाम के बारे में जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आज भी चमत्कार होते हैं. बात कर रहे हैं मां मुंडेश्वरी मंदिर (Mundeshwari Temple) के बारे में. यहां आने वाले भक्त अपनी मुरादों को लेकर माता का दर्शन करते हैं और मान्यता है कि मां अपने हर भक्त की मनोकामना पूरी करती है.
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View In Appमां मुंडेश्वरी मंदिर कैमूर पर्वत की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट ऊंचाई पर स्थित है.इस मंदिर की खास बता ये है कि यहां पशु बलि की सात्विक परंपरा है. यहां पर बलि के लिए बकरा लाया जाता है, लेकिन उसके प्राण नहीं लिए जाते.
दरअसल जब बकरे को माता के सामने लाया जाता है तो पुजारी मां की मूर्ति को स्पर्श कर कुछ चावल बकरे पर फेंक देता है. जिससे बकरा बेहोश हो जाता है. फिर थोड़ी देर के बाद उसपर अक्षत फेंकने की प्रक्रिया होती है तो बकरा उठ खड़ा होता है. बस ऐसे ही बलि की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार जहां ये मंदिर बना है उस जगह पर मां ने चण्ड-मुण्ड नाम के असुरों का वध किया था. इसलिए ही ये माता मुंडेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध हैं.
मंदिर की एक चमत्कारिक बात ये भी है कि, यहां भगवान शिव का एक पंचमुखी शिवलिंग है जो तीन में दिन बार रंग बदलता है. आजतक इसके रहस्य का कोई पता नहीं लगा पाया है.
बता दें कि मंदिर परिसर में पाए गए कुछ शिलालेख ब्राह्मी लिपि में हैं. मंदिर का अष्टाकार गर्भगृह आज तक कायम है.
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