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Pitru Paksha 2024: 'पिंड दान भारतीय संस्कृति का प्रतीक', गया की इन तस्वीरों में देखें सांसद सुधांशु त्रिवेदी का धार्मिक रूप
BJP MP offered Pind Daan: बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने गया में पूर्वजों का पिंडदान किया. उन्होंने कहा कि पिंडदान के बाद एक अलग संतुष्टि की अनुभूति होती है.
![BJP MP offered Pind Daan: बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने गया में पूर्वजों का पिंडदान किया. उन्होंने कहा कि पिंडदान के बाद एक अलग संतुष्टि की अनुभूति होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/d81be8e825518b64de0261dd21a9c08217272571434051008_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गया में सुधांशु त्रिवेदी पिंड दान करते हुए
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![बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी बुधवार को गया पहुंचे और अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. दामोदर पाण्डे के नेतृत्व में उनके परिजनों का पिंडदान कराया गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/c16d21999216565110802587d714f0e1b8a38.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी बुधवार को गया पहुंचे और अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. दामोदर पाण्डे के नेतृत्व में उनके परिजनों का पिंडदान कराया गया.
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![इस मौके पर विष्णुपद मंदिर प्रांगण स्थित हनुमान मंदिर और अक्षयवट में मोक्ष और उद्धार की कामना के साथ सुधांशु त्रिवेदी ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. उन्होंने दोनों स्थानों और विष्णुपद मंदिर के गर्भ गृह में पिंडदान किया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/72144acc6fde7bfc70f3d31dbc363f3d6ed08.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस मौके पर विष्णुपद मंदिर प्रांगण स्थित हनुमान मंदिर और अक्षयवट में मोक्ष और उद्धार की कामना के साथ सुधांशु त्रिवेदी ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. उन्होंने दोनों स्थानों और विष्णुपद मंदिर के गर्भ गृह में पिंडदान किया.
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![पिंडदान करा रहे दामोदर पाण्डे ने बताया कि वह पहली बार यहां पिंडदान करने पहुंचे है. पूरे विधि विधान के साथ पिंडदान और श्राद्ध कार्य को पूरा कराया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/d525700acc8175e9c810430998ee9daa6e0a8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पिंडदान करा रहे दामोदर पाण्डे ने बताया कि वह पहली बार यहां पिंडदान करने पहुंचे है. पूरे विधि विधान के साथ पिंडदान और श्राद्ध कार्य को पूरा कराया गया है.
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![पिंडदान के बाद राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह धार्मिक अनुष्ठान में आए हैं. कोई राजनीतिक प्रश्न नहीं पूछे. उन्होंने बताया कि पिंडदान के बाद एक अलग संतुष्टि और श्राद्ध की अनुभूति होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/8db16790bd22e1f07dbaaa4f400bc48fbfbf3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पिंडदान के बाद राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह धार्मिक अनुष्ठान में आए हैं. कोई राजनीतिक प्रश्न नहीं पूछे. उन्होंने बताया कि पिंडदान के बाद एक अलग संतुष्टि और श्राद्ध की अनुभूति होती है.
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![सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गया की पावन धरती पर विष्णुपद धाम के दर्शन और पिंडदान किया है. यह भारतीय संस्कृति और हिंदू संस्कृति की परंपरा का प्रतीक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/11b3a85f542f20acc013e3b19e2319faebd87.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गया की पावन धरती पर विष्णुपद धाम के दर्शन और पिंडदान किया है. यह भारतीय संस्कृति और हिंदू संस्कृति की परंपरा का प्रतीक है.
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![उन्होंने ये भी कहा कि हम मदर डे और फादर डे नहीं मनाते हैं, बल्कि अपने समस्त पूर्वजों, मित्रों, शुभचिंतकों और सभी जीव जंतुओं के प्रति श्रद्धा के साथ यह पिंडदान करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/3149a96b6c2e28aca5f9f9b4b4f1256bcecc6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने ये भी कहा कि हम मदर डे और फादर डे नहीं मनाते हैं, बल्कि अपने समस्त पूर्वजों, मित्रों, शुभचिंतकों और सभी जीव जंतुओं के प्रति श्रद्धा के साथ यह पिंडदान करते हैं.
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![गया में पिछले 17 सितंबर से विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला आयोजित है. जहां देश-विदेश के अलग-अलग कोने से लाखों तीर्थयात्री यहां आकर अपने पूर्वजों की आत्मशांति, मोक्ष और उद्धार के लिए पिंडदान करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/25/f87cef7ef9fddabd3e7f95cf965b5697d8b22.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गया में पिछले 17 सितंबर से विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला आयोजित है. जहां देश-विदेश के अलग-अलग कोने से लाखों तीर्थयात्री यहां आकर अपने पूर्वजों की आत्मशांति, मोक्ष और उद्धार के लिए पिंडदान करते हैं.
Published at : 25 Sep 2024 03:09 PM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion