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Bihar News: सुपौल के कई इलाकों मे बाढ़ से तबाही, तस्वीरों में देखें पलायन का मंजर
Bihar Flood: नेपाल से आए पानी ने बिहार के कोसी इलाके में ऐसा कहर बरपाया है कि लोग अब अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. बिहार के 13 जिलों में बाढ़ आ चुकी है.
![Bihar Flood: नेपाल से आए पानी ने बिहार के कोसी इलाके में ऐसा कहर बरपाया है कि लोग अब अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. बिहार के 13 जिलों में बाढ़ आ चुकी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/0f43a5b8eb999c3f644caea44188acd517276965183331008_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सुपौल में बाढ़
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![कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही सुपौल जिले के छह प्रखंड बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल के 25 से 30 पंचायत अब भी बाढ़ की चपेट में हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/22d694f68e1a1f80378a28e7e949522202c0e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही सुपौल जिले के छह प्रखंड बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल के 25 से 30 पंचायत अब भी बाढ़ की चपेट में हैं.
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![सुपौल की कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने घरों का सामान, मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/2fa49e26525da7458f1c907dba8d44a58d158.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सुपौल की कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने घरों का सामान, मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.
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![जिला प्रशासन पिछले तीन दिनों से लगातार लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है. प्रशासन की कोशिशों के बावजूद कई इलाकों में लोग अब भी घर छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि उन्हें मजबूरन पलायन करना पड़ रहा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/615004f3a21ba31799ca8943e87fee85ff5a4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जिला प्रशासन पिछले तीन दिनों से लगातार लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है. प्रशासन की कोशिशों के बावजूद कई इलाकों में लोग अब भी घर छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि उन्हें मजबूरन पलायन करना पड़ रहा है.
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![हालांकि पानी का स्तर घट रहा है, कोसी बैराज से निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज लगातार कम हो रहा है, फिर भी कोशी नदी अपने कटाव के लिए जानी जाती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/0aaac0607b23d1b94e7649d1b023dd472ab5a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हालांकि पानी का स्तर घट रहा है, कोसी बैराज से निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज लगातार कम हो रहा है, फिर भी कोशी नदी अपने कटाव के लिए जानी जाती है.
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![पानी कम होने से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन नदी के कटाव का खतरा अब भी बना हुआ है, जो कि क्षेत्र के लोगों के लिए हर साल एक गंभीर चुनौती है.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
पानी कम होने से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन नदी के कटाव का खतरा अब भी बना हुआ है, जो कि क्षेत्र के लोगों के लिए हर साल एक गंभीर चुनौती है.
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![कोसी को 'बिहार का शोक' कहा जाता है, क्योंकि हर साल इस नदी का कटाव हजारों घरों को अपने आगोश में ले लेता है. पानी घटने के बाद इस कटाव में तेजी आ जाती है, जिससे लोगों को फिर से विस्थापन और जीवनयापन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/2c6e4472e11abfb1cb0986c08de7af5e8f554.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोसी को 'बिहार का शोक' कहा जाता है, क्योंकि हर साल इस नदी का कटाव हजारों घरों को अपने आगोश में ले लेता है. पानी घटने के बाद इस कटाव में तेजी आ जाती है, जिससे लोगों को फिर से विस्थापन और जीवनयापन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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![प्रशासन के राहत कार्य जारी हैं, लेकिन नदी के इस स्वभाव के कारण स्थानीय लोग हमेशा अनिश्चितता में जीते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक कोसी नदी के प्रवाह और कटाव को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक उपाय नहीं किए जाते, तब तक यह समस्या यूं ही बनी रहेगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/30/2b7a735518dbe63a3e44330674607bc968db7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रशासन के राहत कार्य जारी हैं, लेकिन नदी के इस स्वभाव के कारण स्थानीय लोग हमेशा अनिश्चितता में जीते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक कोसी नदी के प्रवाह और कटाव को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक उपाय नहीं किए जाते, तब तक यह समस्या यूं ही बनी रहेगी.
Published at : 30 Sep 2024 05:18 PM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion