In Pics: अंधविश्वास! कार्तिक पूर्णिमा पर कोनहारा घाट की देखें 'अनोखी दुनिया', तांत्रिक का दावा- 'सब महादेव की कृपा'
बिहार के हाजीपुर स्थित कोनहारा घाट पर भूतों का मेला लगता है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर हर साल की तरह रविवार (26 नवंबर) की रात कुछ ऐसी ही अनोखी दुनिया दिखी. एक तरफ इसे अंधविश्वास माना जाता है तो वहीं तांत्रिक महादेव की कृपा बताते हैं. तस्वीरों में कोनहारा घाट का नजारा देखिए.
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View In Appकोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पूरे बिहार के तांत्रिक पहुंचते हैं. तांत्रिक दावा करते हैं कि जो बीमारी है उसे मंत्र के जब से ठीक कर दिया जाता है.
एबीपी न्यूज़ ने रात में कोनहारा घाट पर कुछ तांत्रिकों से बात की. घाट पर हो रहे पूजा-पाठ की तस्वीर ली गई. एक सवाल पर कि बुखार या दर्द हो तो वह ठीक होगा? इस पर तांत्रिक ने दावे के साथ कहा कि बिल्कुल ठीक होगा. मंत्र का जाप करना होगा और हवन की राख लगाने से सब खत्म हो जाएगा.
एक तांत्रिक कोनहारा घाट पर जलती हुई चिता पर हवन कर रहा था. कैमरे पर नजर पड़ी तो प्रयोग करते हुए बिजली के बल्ब का शीशा चबाने लगा. तांत्रिक ने कहा कि यह सब महादेव की कृपा से हो रहा है. लोगों का कल्याण करने के लिए ऐसा करना पड़ता है.
घाट पर एक से एक अलग अलग तस्वीरें दिखीं. कहीं लोग अंधविश्वास में डूबकर तांत्रिकों के साथ भूत खेलते दिखे तो कहीं लोग इंतजार करते दिखे कि उनका भी नंबर आएगा. यह खेल रात भर चलता रहा.
इधर कार्तिक पूर्णिमा को देखते हुए लगभग 5 किलोमीटर की दूरी में हाजीपुर से लेकर पुल घाट के आगे तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. स्नान के लिए प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग की गई थी. हर साल की तरह लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे.
यह वही कोनहारा घाट है जहां गज और ग्राह के बीच लड़ाई हुई थी. ग्राह गज को पानी में डुबो रहा था तो गज की प्रार्थना पर भगवान विष्णु स्वयं प्रकट हुए थे. गज की जान बचाई थी. उसी के बाद नाम रख दिया गया था कोनहारा घाट.
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