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In Pics: 'मिथिला मखाना' के नाम से मिला GI टैग, बेहतर जॉब छोड़कर इस कारोबार से जुड़ रहे ग्रामीण युवा, देखें तस्वीरें
केंद्र सरकार ने दरभंगा में बने मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्रदान किया है वहीं इसके पहले ही मिथिला मखाना के नाम से यहां के मखाने को GI टैग मिला भी है.
![केंद्र सरकार ने दरभंगा में बने मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्रदान किया है वहीं इसके पहले ही मिथिला मखाना के नाम से यहां के मखाने को GI टैग मिला भी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/40a4bdd062b7788e5a8331450bb9cf361686983657725340_original.webp?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मिथिला मखाना के नाम से मिला GI टैग
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![मिथिला के मखाने की पहचान देश दुनिया में इस नाम से है और मखाने के कारण देश दुनिया में मिथिला को एक अलग पहचान भी मिल रही है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/22ddb20682c3975b343a21bcc7ae9270a9d68.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मिथिला के मखाने की पहचान देश दुनिया में इस नाम से है और मखाने के कारण देश दुनिया में मिथिला को एक अलग पहचान भी मिल रही है.
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![मखाने के व्यापारी कपिलदेव निषाद ने बताया कि वे और उनके पूर्वज मखाना के ही कारोबार से जुड़े हैं और इसकी कमाई से ही परिवार का भरण पोषण होता है. मखाने को मिथिला मखाना के नाम से GI टैग मिलने से वे बेहद खुश हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/58e8cd25f6560bca3418f2ec9c6bb0413c731.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मखाने के व्यापारी कपिलदेव निषाद ने बताया कि वे और उनके पूर्वज मखाना के ही कारोबार से जुड़े हैं और इसकी कमाई से ही परिवार का भरण पोषण होता है. मखाने को मिथिला मखाना के नाम से GI टैग मिलने से वे बेहद खुश हैं.
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![उन्होंने कहा कि देश दुनिया के लोग मखाना के लिए मिथिला का रुख करेंगे तो मखाना की मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ेगी तो उनका काम भी बढ़ेगा और आमदनी भी ज्यादा होगी और लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/6c884c4f3855fdabbb4c9519bd0bcf26431b3.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने कहा कि देश दुनिया के लोग मखाना के लिए मिथिला का रुख करेंगे तो मखाना की मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ेगी तो उनका काम भी बढ़ेगा और आमदनी भी ज्यादा होगी और लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा.
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![मुंबई में अच्छी खासी अपनी नौकरी छोड़ दरभंगा में मखाना कारोबार में अपनी किस्मत आजमाने पहुंचे भुवन सरावगी ने तो मखाना का एक बड़ा कारखाना खोला है, जहां आधुनिक मशीन के अलावा पारंपरिक तरीके से मखाना निकाला जाता है. यहां के सैकड़ों महिला और पुरुषों को इस कारखाने से रोजगार मिले हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/cbd0d2187a07c257dd3ed6c856f986138e269.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मुंबई में अच्छी खासी अपनी नौकरी छोड़ दरभंगा में मखाना कारोबार में अपनी किस्मत आजमाने पहुंचे भुवन सरावगी ने तो मखाना का एक बड़ा कारखाना खोला है, जहां आधुनिक मशीन के अलावा पारंपरिक तरीके से मखाना निकाला जाता है. यहां के सैकड़ों महिला और पुरुषों को इस कारखाने से रोजगार मिले हैं.
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![भुवन सरावगी मखाने की फैक्ट्री से न सिर्फ देश भर में मखाना भेज रहे हैं बल्कि नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भी मखाने की सप्लाई हो रही है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/e4408c7931541839a81bd35b1f92875267c6b.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भुवन सरावगी मखाने की फैक्ट्री से न सिर्फ देश भर में मखाना भेज रहे हैं बल्कि नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भी मखाने की सप्लाई हो रही है.
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![भुवन सरावगी ने बताया कि उन्हें भी उम्मीद है कि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलने और मिथिला मखाना के नाम से GI टैग मिलने के बाद मखाना कारोबार से जुड़े लोगों को पंख लग जाएगा और यह व्यापार कई गुना ज्यादा बढ़ेगा जिससे इसका फायदा सीधे मिथिला के लोगों को मिलेगा. भविष्य में वे भी दुनिया के कई देशों में मखाना भेजने की तैयारी में लगे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/9bced19507b118b42d290d342182fc38f208e.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भुवन सरावगी ने बताया कि उन्हें भी उम्मीद है कि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलने और मिथिला मखाना के नाम से GI टैग मिलने के बाद मखाना कारोबार से जुड़े लोगों को पंख लग जाएगा और यह व्यापार कई गुना ज्यादा बढ़ेगा जिससे इसका फायदा सीधे मिथिला के लोगों को मिलेगा. भविष्य में वे भी दुनिया के कई देशों में मखाना भेजने की तैयारी में लगे हैं.
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![वहीं MBA मखाना वाले के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले श्रवण कुमार और उनकी पत्नी भी अपनी नौकरी छोड़कर दरभंगा पहुंचे और मखाना के कारोबार को चुना फिर इनकी किस्मत में भी बड़ा बदलाव आया. इंजीनियर श्रवण ने तो सामान्य तौर पर मखाने को न सिर्फ अलग-अलग फ्लेवर में बनाकर बाजार में उतारा बल्कि अब वे मखाना से अलग-अलग स्वाद वाले व्यंजन भी तैयार कर रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/ed431094c04a887c6cd910a731fb0ece4cda8.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं MBA मखाना वाले के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले श्रवण कुमार और उनकी पत्नी भी अपनी नौकरी छोड़कर दरभंगा पहुंचे और मखाना के कारोबार को चुना फिर इनकी किस्मत में भी बड़ा बदलाव आया. इंजीनियर श्रवण ने तो सामान्य तौर पर मखाने को न सिर्फ अलग-अलग फ्लेवर में बनाकर बाजार में उतारा बल्कि अब वे मखाना से अलग-अलग स्वाद वाले व्यंजन भी तैयार कर रहे हैं.
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![उन्होंने मखाना को सुपर फूड बताते हुए कहा कि बाजार में जंक फूड और सुपर फूड के बीच कड़ा मुकाबला होगा जिसमें मखाना जरूर सभी को पछाड़ आगे निकलेगा क्योंकि मखाने के कई फायदे हैं जबकि जंक फूड के बहुत सारे नुकसान दिखाई दे रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/17/ce9857f0be9016f4ea96d771bef9083447bad.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने मखाना को सुपर फूड बताते हुए कहा कि बाजार में जंक फूड और सुपर फूड के बीच कड़ा मुकाबला होगा जिसमें मखाना जरूर सभी को पछाड़ आगे निकलेगा क्योंकि मखाने के कई फायदे हैं जबकि जंक फूड के बहुत सारे नुकसान दिखाई दे रहे हैं.
Published at : 17 Jun 2023 12:09 PM (IST)
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