Chaitra Month 2022: चैत्र का महीना शुरु, जानिए कब है नवरात्रि, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे प्रमुख त्योहार
हिंदू धर्म में चैत्र माह का विशेष महत्व बताया गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार चैत्र माह से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है. चैत्र माह की शुरुआत 18 मार्च से हो चुकी है.और इसका समापन 16 अप्रैल के दिन होगा. चैत्र माह की शुरुआत होते ही शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. वहीं चैत्र माह में कई प्रमुथ त्योहार और व्रत जैसे नवरात्रि, गुडी पड़वा, बैशाखी, हनुमान जयंती, कामदा एकादशी, यमुना छठ, गणगौर, प्रदोष व्रत, और चतुर्थी मनाए जाएंगे. चलिए यहां जानते हैं ये प्रमुख त्योहार और व्रत चैत्र माह में किस तारीख पर पड़ रहे हैं.
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View In Appचैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि के व्रत शुरू हो जाते है. इस साल 2 अप्रैल 2022 से चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो रहा है. इनका समापन 10 अप्रैल 2022 को होगा. इस चैत्र नवरात्र में विशेष बात ये है कि इस वर्ष किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है. इसलिए इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी. हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त माता रानी का वाहन अलग होता है. इस चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी.
शीतला अष्टमी हर साल होली के आठवें दिन मनाई जाती है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही शीतला अष्टमी या बसौड़ा के नाम से जाना जाता है. इस साल शीतला अष्टमी 25 मार्च के दिन मनाई जाएगी. इस दिन शीतला माता की पूजा के साथ-साथ व्रत भी किया जाता है.
2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाएगा. ये पर्व महाराष्ट्र में प्रमुख तौर पर मनाया जाता है. इस दिन महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष या नव-सवंत्सर का आरंभ होता है. वहीं पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नव वर्ष की शुरुआत होती है.
राम नवमी का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार राम नवमी का पर्व इस वर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाएगा. मान्यता है कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. इसीलिए इस तिथि को राम नवमी कहा जाता है. इस दिन घर घर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है.राम नवमी के दिन प्रभु श्रीराम की विशेष पूजा की जाती है. भगवान राम की स्तुति की जाती है. इस दिन विधि पूर्वक भगवान राम की पूजा करने से जीवन में आनी वाली परेशानियां दूर होती हैं और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है.
पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. इस वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल को पड़ रही है. इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन को हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में मनाने की परंपरा है. हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए हनुमान जयंती का दिन बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है. इसीलिए इस दिन पूरे देश में जगह जगह धार्मिक आयोजन किए जाते हैं.हनुमान जी को बजरंगबली और संकट मोचन भी कहा जाता है. हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने में मदद मिलती है. मान्यता है कि हनुमान जयंती के अवसर पर विधि पूर्वक हनुमान चालीसा और सुदंरकांड का पाठ करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है
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