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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ambikapur News: धर्मांतरित जनजाति समाज के लोगों का आरक्षण समाप्त करने की मांग, जानें- क्या है डी-लिस्टिंग?
छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में इन दिनों डी-लिस्टिंग का मुद्दा सुर्खियों में है. जनजाति सुरक्षा मंच ने ऐसे लोग जो जनजाति संस्कृति, रूढ़िवादी परंपरा छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन गए है. उन व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने और उनका अनुसूचित जनजाति का आरक्षण समाप्त किए जाने की मांग की है. इस मसले को लेकर बुधवार को सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में डी-लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया. इस रैली में दो पूर्व मंत्री गणेश राम भगत और रामसेवक पैकरा सहित भारी संख्या में विभिन्न जनजाति समाज के प्रमुख जनों को उपस्थिति रही.
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View In Appदेश की 700 से अधिक जनजाति के विकास और उन्नति के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण और अन्य सुविधाओं का प्रावधान संविधान में किया है. लेकिन उन सुविधाओं का लाभ उन जनजातियों के स्थान पर वे लोग उठा रहे है. जो अपनी जनजाति संस्कृति, रूढ़िवादी परंपरा छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन गए है.
जनजाति समाज को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच ने धर्मांतरित जनजाति व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किए जाने और संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट 10 जुलाई 1967 की सिफारिश को लागू कर अनुच्छेद 342 में संशोधन करके अनुसूचित जनजाति का आरक्षण समाप्त किए जाने की मांग की है. डी-लिस्टिंग में डी का अर्थ है डिलीट और लिस्टिंग का अर्थ है लिस्ट. यानी जनजाति समाज के ऐसे लोग जो धर्मांतरित हो चुके (धर्म बदलना) है. उन्हे जनजाति समाज की लिस्ट से डिलीट किया जाए और अनुसूचित जनजाति के नाम से जो आरक्षण का लाभ मिल रहा है उसे समाप्त किया जाए.
इसी विषय को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच पूरे देश में जन जागरण करते हुए प्रत्येक जिले में जिला सम्मेलन और महारैली का आयोजन कर रहा है. इस आयोजन में जनजाति समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित होकर डी-लिस्टिंग की मांग कर रहे है. बुधवार को अंबिकापुर में आयोजित डी-लिस्टिंग महारैली में सैकड़ों की संख्या में जनजाति समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा और पारंपरिक औजार के साथ रैली में शामिल हुए और एकता का परिचय दिया.
डी-लिस्टिंग रैली में शामिल हुए पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता गणेश राम भगत ने बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा पूरे देश में डी-लिस्टिंग को लेकर आंदोलन चल रहा है. सभी जिला मुख्यालयों में सम्मेलन आयोजित कर जो धर्मांतरित लोग है. वो आरक्षण के हकदार नहीं है. आज की रैली धर्मांतरित लोगों के आरक्षण को समाप्त करने को लेकर है. क्योंकि लोगों ने धर्मांतरित होने के बाद अपनी परंपरा, रीति-रिवाज को छोड़ दिया और अलग रास्ते पर चल पड़े. ऐसे में उनको आरक्षण लेने का अधिकार नहीं है. और इसलिए पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन में इसलिए शामिल हुए है क्योंकि ये आरक्षण धर्मांतरित ईसाई, मिशनरियों को गलत ढंग से मिल रहा है. मांग कर रहे है कि उनका आरक्षण समाप्त हो.
पूर्व गृह मंत्री मंत्री रामसेवक पैकरा ने बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच के माध्यम से पूरे देश में जो हिंदू समाज है और अनुसूचित जनजाति के लोग है. ऐसे लोग जो धर्मांतरित ईसाई बन गए है या मुसलमान बन गए है. वो लोग यहां के मूल जनजाति के आरक्षण का लाभ ले रहे है. इसलिए जनजाति सुरक्षा मंच के माध्यम से पूरे देश में महारैली हो रहा है. हमारी मांग है कि जो जनजाति ईसाई या मुसलमान बन गया है. उनका आरक्षण समाप्त हो.
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