Ambikapur: हरे-भरे नीलगिरी के पेड़ों की कटाई से अंबिकापुर में मचा बवाल, अब सामने आई यह सच्चाई
वन विभाग के कार्यालय से महज 50 मीटर दूरी पर बांस बाड़ी में प्लांटेशन लगाया गया है. वहां पेड़ों को बड़ा किया जा रहा है. इन्हीं पेड़ों की गुरुवार को वन विभाग के कर्मचारी मशीन लेकर कटाई कर रहे थे.
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View In Appजब मामले की असल सच्चाई जानने के लिए एबीपी न्यूज ने पड़ताल की और डीएफओ से पूछा तो उन्होंने बताया कि बांस का प्लांटेशन करने के लिए डेमो प्लॉट तैयार किया जा रहा है. डीएफओ तेजस शेखर ने बताया कि जंगल में यूके लिपटस (नीलगिरी) है. नीलगिरी इंडियन नहीं है, ऑस्ट्रेलियन प्रजाति है.
अधिकारी ने बताया कि नीलगिरी का पत्ता नीचे गिरता है तो उसमें तेल निकलता है, इसके कारण स्थानीय प्रजाति को यह पूरा खत्म कर देता है.
दरअसल, गुरुवार को वन विभाग कार्यालय के पास स्थित बांस बाड़ी में बड़े-बड़े पेड़ों को मशीन के माध्यम से कटवाया जा रहा था. दर्जनों पेड़ काट दिए गए थे जिसका फोटो-वीडियो फुटेज मीडियाकर्मियों तक पहुंचा.
वन विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हरे-भरे पेड़ों को काटने के पीछे का तर्क किसी को सही नहीं लगा कि सिर्फ गैप मेंटेन करने के लिए सैकड़ों पेड़ों की बली दी गई.
डीएफओ तेजस शेखर ने हालांकि पेड़ काटने को लेकर फैली भ्रांति को दूर किया और बताया कि बांस के प्लांटेशन के लिए डेमो प्लॉट तैयार किया जाएगा. इस वजह से नीलगिरी के पेड़ काटे जा रहे हैं.
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि दरोगा अमर सिंह पैकरा के निर्देश पर पेड़ों को ठूंठ किया जा रहा है.
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