Ram Mandir Inauguration: रामलला को भेंट करने के लिए आदिवासी महिलाओं ने बनाई कोसे की साड़ी, कपड़े पर उकेरा राम दरबार
आयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के उद्घाटन और भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले पूरा देश राममय हो गया है. छत्तीसगढ़ के बस्तर से भगवान श्रीराम का विशेष जुड़ाव रहा है, इसलिए बस्तरवासी भी इस मौके पर आयोध्या विशेष भेंट भेजने जा रहे हैं.
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View In Appदअरसल, बस्तर की आदिवासी महिलाओं ने यहां की विशेष कोसे की साड़ी में भगवान राम की विशेष छवि तैयार की है. इसमें भगवान राम के साथ लक्ष्मण और माता सीता की भी तस्वीर है. इस साड़ी और तस्वीर की खास बात यह है कि महिला कारीगर अब इस विशेष आकृति को दूसरी बार कभी नहीं उकेरेंगी.
महिला कारीगरों का कहना है कि यह उनकी तरफ से रामलला को विशेष भेंट है. महिला कारीगरों ने बताया कि भगवान राम का बस्तर से गहरा नाता है. यही वजह है कि इतने लंबे समय के बाद आयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए वो एक विशेष भेंट तैयार करना चाहती थीं.
महिला कारीगरों का कहना है कि इसलिए उन्होंने कोसा की साड़ी में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की तस्वीर तैयार कर उन्हें भेंट करने की सोची. महिला कारीगरों ने बताया कि 17 दिन तक रोजाना आठ घंटे की कड़ी मेहतन के बाद इस साड़ी को तैयार किया गया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि वो अब कभी इस तरह की तस्वीर अब कभी नहीं बनाएंगी, इसलिए यह अपने आप में भगवान राम के लिए एक विशेष भेंट है. जितनी खूबसूरत यह भेंट है, उतनी ही खूबसूरत इसे बनाने के पीछे की कहानी है. कुम्हारपारा में कोसा से साड़ी बनाने वाले कारखाने में तैयार इस विशेष भेंट को बनाने के लिए महिला कारिगरों ने विशेष तैयारी की.
रोजाना 10 बजे यह महिलाएं जब काम पर पहुंचतीं तो कारखाने के बाहर ही चप्पल उतारतीं हैं. इतना ही नहीं इसे बनाने के दौरान आस-पास भक्ति का माहौल बनाने के लिए लगातार भजन भी बजते रहते हैं. इस विशेष साड़ी को तैयार करने के बाद अब इसे रंगने का काम किया जा रहा है. महिला कारिगरों का कहना है कि इसमें फूलों के रंगों का प्रयोग किया गया है.
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. का कहना है कि बस्तर के बिना दंडकारण्य और दंडकारण्य के बिना रामायण अधूरी है. यही वजह है कि बस्तर की इन महिला कारीगरों ने अयोध्या में रामलला को भेंट करने ये अद्भुत साड़ी तैयार की है. इन सभी कारीगरों को विकसित भारत योजना के दौरान प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जोड़ा गया था. इनके हुनर को प्रोत्साहन देने हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
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