Balrampur: वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों ने काटे 500 से ज्यादा पेड़, अब अवैध कब्जे की होड़, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर (Balrampur) जिले में वन विभाग की लापरवाही से 500 से ज्यादा छोटे-बड़े पेड़ ग्रामीणों द्वारा काट दिए गए. ग्रामीणों द्वारा जंगल के भीतर पेड़ों की अवैध कटाई का वीडियो भी कैमरे में कैद हो गया है. पेड़ों को काटने के बाद ग्रामीणों ने वनभूमि में कब्जे की होड़ में जंगल की जमीन पर खेती करना भी शुरू कर दिया है.
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View In Appइस घटना के बाद वन विभाग के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं मामला उजागर होने के बाद अब वन विभाग के अधिकारी कार्रवाई की दलील दे रहे हैं. दरअसल, मामला धमनी वन परिक्षेत्र के अनिरुद्धपुर गांव का है. यह गांव झारखंड की सीमा से लगा हुआ है. यहां के ग्रामीणों ने पहले सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ा दी.
वहीं कटाई के बाद खाली हुई जंगल की जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया. पता चला है कि कई ग्रामीण 500 से ज्यादा छोटे-बड़े पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई कर जंगल की जमीन पर अतिक्रमण करने की फिराक में हैं. जंगल की कटाई कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि जमीन के लालच में उनके द्वारा पेड़ों की कटाई की जा रही है.
इधर एक सप्ताह से गांव से लगे जंगल मे अवैध कटाई का खेल चल रहा है लेकिन वन विभाग द्वारा मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इससे ग्रामीणों के हौसले और बुलंद हो रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पूर्व में जंगल के भीतर पेड़ो की कटाई कर जंगल की जमीन पर खेती कर दिया गया है.
वन विभाग द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है. कुछ और ग्रामीणों ने बताया है कि जंगल की कटाई पर रोक लगाने के लिए वन विभाग कोई पहल नहीं करते हैं. इसी कारण अब जंगल की जमीन पर अतिक्रमण करने की होड़ मची हुई है.
वन परिक्षेत्र अधिकारी अजय वर्मा का कहना है कि दो-तीन दिन पहले जानकारी हुई थी. अनिरुद्धपुर के पास जो रामचंद्रपुर से गढ़वा जाने के लिए रास्ता बना हुआ है. इसके आसपास दुकान लगाने के उद्देश्य से झाड़ियों की कटाई की गई है. ऐसी जानकारी हमें मिली है.
अजय वर्मा का कहना है कि वहां 400-500 पेड़ों की कटाई नहीं हुई है. झाड़ियों की सफाई हुई है. उन्होंने आगे बताया कि एक-डेढ़ एकड़ भूमि की जोताई हुई है. वह दो लोगों का आपसी विवाद है.
कुछ लोगों का कहना है कि यह हमारी पहले की कब्जे की जमीन है और कुछ लोग कह रहे है ये अनिरुद्धपुर गांव की है. वहीं दूसरे लोग कह रहे है कि भेतरी गांव की जमीन है. इसकी वजह से दोनों गांव वाले आपस में विवाद कर रहे हैं. इसमें बैठक लेकर समझाइश की कोशिश करके कार्रवाई की जाएगी.
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