In Pics: इस प्राइमरी स्कूल में कॉपी-किताब छोड़, झाड़ू लगा रहे बच्चे, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के धंधापुर प्राइमरी स्कूल के बच्चों द्वारा स्कूल में झाड़ू लगाने का मामला सामने आया है. स्कूल की शिक्षका का इस मामले को लेकर कहना है कि स्कूल का अंशकालीन स्वीपर हड़ताल पर है. ऐसे में स्कूल की साफ-सफाई रसोइया करते हैं. इधर स्कूल का नजारा कुछ और ही बयां कर रहा है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appइस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी का अपना अलग ही तर्क है. उनका कहना है कि शिक्षा विभाग के स्कूलों में अंशकालीन स्वीपर की भर्ती शाला प्रबंधन की ओर से की जाती है और स्वीपर के नहीं होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत साफ-सफाई की जाती है. बच्चे स्कूल की सफाई कर रहे हैं. इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए.
प्रदेशभर में 16 जून से नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 की शुरुआत बड़े ही तामझाम के साथ की गई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्कूलों में शिक्षकों समेत गणवेश किताबों की व्यवस्था जल्द से जल्द कराने के निर्देश दिए थे लेकिन अब जब स्कूलों की साफ-सफाई ही ना हो तो बच्चे आखिर कहां बैठेंगे. इसलिए बच्चे कॉपी-किताब छोड़, खुद हाथ में झाड़ू लिए स्कूल की सफाई करते नजर आ रहे हैं.
इस मामले पर शिक्षिका का कहना है स्कूल का अंशकालीन स्वीपर 15 जून से वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल में है. स्कूल की सफाई रसोइया करती है और जब वह रसोई में व्यस्त थी. तब बच्चे खुद से झाड़ू लगा रहे हैं.
बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक के धंधापुर गांव के प्राथमिक स्कूल के बच्चों का झाड़ू लगाने का मामला जैसे ही सामने आया. इस पर जिला शिक्षा अधिकारी के.एल. महिलांगे ने अपना अलग ही तर्क देते हुए कहा कि इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए. उनका कहना था कि जिले के अधिकांश स्कूलों में अंशकालीन स्वीपर की नियुक्तियां नहीं हुई है. वहां पर शिक्षक व बच्चे ही साफ-सफाई करते हैं और यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है.
जिला शिक्षा अधिकारी के.एल. महिलांगे का कहना है कि हर प्राथमिक शालाओं में चपरासी की सुविधा नहीं है. बहुत सारे स्वीपर काम छोड़ देते हैं. उस परिस्थिति में नए स्वीपर की भर्ती होने तक आखिर उस स्कूल में साफ-सफाई कौन करेगा. इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -