In Pics: सड़कों के जाल से बस्तर की बदल रही तस्वीर, नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंच रही विकास की रोशनी
छत्तीसगढ़ के बस्तर में सड़कों का निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं है. बस्तर में नक्सली सड़कों का निर्माण नहीं चाहते हैं. इस वजह से इसका विरोध कर बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं लेकिन केंद्र सरकार की R.R.P योजना के तहत इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में विकास पहुंचाने के लिए साल 2015 से अब तक 1600 किलोमीटर सड़क बनाई जा चुकी है.
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View In Appपिछले 6 सालों में बस्तर के नक्सल इलाकों में बनी सड़कों से बस्तर की तस्वीर बदली है. वहीं 300 कि.मी की शेष बची सड़को को पूरा करने साल 2023 का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र और राज्य सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा योजना के साथ बस्तर में नक्सलवाद के समाधान के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. साल 2015 से स्वीकृत 1900 किलोमीटर की सड़कों में से 1600 किलोमीटर की सड़क अब तक बनाई जा चुकी हैं. हर साल औसतन 200 किलोमीटर की सड़क बस्तर संभाग में बनती है.
इन नक्सल प्रभावित इलाको में सड़के बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है. नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को R.O.P (रोड ओपनिंग पार्टी ) में लगाना पड़ता है. जिससे सुरक्षित तरीके से ठेकेदार और ग्रामीण मजदूर सड़क निर्माण का काम कर सकें. इन सड़कों के निर्माण से मुख्य रूप से बीजापुर, बस्तर ,दंतेवाड़ा नारायणपुर, सुकमा और कोंडागांव जैसे जिलों में विशेष फर्क पड़ा है. कोंडागांव जिले को तो नक्सल मुक्त जिला भी मान लिया गया है और इसमें अहम योगदान सड़कों का है.
नए सड़को का निर्माण करना दक्षिण बस्तर में यह चुनौती और भी मुश्किल हो जाती है. हर इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी और सड़क निर्माण के दौरान बड़ी घटनाओं को अंजाम देना दहशत पैदा कर देती है. बावजूद इसके प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और PWD (लोक निर्माण विभाग ) अति संवेदनशील क्षेत्रों में भी निरंतर सड़क बना रहा है.
इसे ध्यान में रखते हुए बस्तर पुलिस ने सड़कों के निर्माण कार्य के लिए बीते 3 सालों में 43 नए पुलिस कैम्प शुरू किए हैं और 14 नए कैम्प प्रस्तावित है. केंद्र सरकार इसके लिए R.R.P योजना के तहत 588 किलोमीटर जो कि 3 अरब 62 करोड़ की लागत से बनना है इसकी स्वीकृति दे दी है.
इनमे करीब 50 करोड़ की लागत से पुल पुलिया भी बनाए जाएंगे. कांकेर जिले से लेकर बीजापुर जिले तक सड़कों का निर्माण किया जाना है, इसकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इन सड़कों के निर्माण के साथ बस्तर की दशा दिशा बदल जाएगी.
इन सड़कों के निर्माण के बाद बस्तर के दूरस्थ पहुंच विहीन क्षेत्रों का 80% हिस्सा रोड कनेक्टिविटी से जुड़ जाएगा , आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि हालांकि इनके निर्माण में अभी समय लग सकता है..लेकिन जल्द से जल्द सड़कों का जाल बिछाने का लक्ष्य रखा गया है.
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