एक्सप्लोरर

Ram Navami 2023: यहां हर नाम में बसे प्रभु श्रीराम, घर-घर में है राम का धाम, जानें गहरी आस्था के पीछे की पौराणिक कहानी

छत्तीसगढ़ में मौजूद चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय ननिहाल में ही बिताया था.

छत्तीसगढ़ में मौजूद चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल कहा जाता है. भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय ननिहाल में ही बिताया था.

भगवान श्रीराम का ननिहाल

1/9
साथ ही अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान करीब 8 साल छत्तीसगढ़ के ही अलग-अलग स्थानों में रहे हैं, लेकिन दंडकारण्य क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर में भगवान प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता के प्रवास को लेकर यहां के आदिवासियों की भगवान राम से काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है.
साथ ही अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान करीब 8 साल छत्तीसगढ़ के ही अलग-अलग स्थानों में रहे हैं, लेकिन दंडकारण्य क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर में भगवान प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता के प्रवास को लेकर यहां के आदिवासियों की भगवान राम से काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है.
2/9
यही वजह है कि यहां हर आदिवासियों के घर में जन्मे बच्चों का नाम राम से ही जाना जाता है. हर नाम के पीछे भगवान राम का नाम जुड़ा हुआ है, यही नहीं आदिवासियों के घरों में बकायदा भगवान राम की प्रतिमा मौजूद है और यहां के आदिवासी अपने शरीर में भी भगवान राम के नाम से ही गोदना करते हैं.
यही वजह है कि यहां हर आदिवासियों के घर में जन्मे बच्चों का नाम राम से ही जाना जाता है. हर नाम के पीछे भगवान राम का नाम जुड़ा हुआ है, यही नहीं आदिवासियों के घरों में बकायदा भगवान राम की प्रतिमा मौजूद है और यहां के आदिवासी अपने शरीर में भी भगवान राम के नाम से ही गोदना करते हैं.
3/9
बस्तर के चाहे महिला हो या पुरुष बच्चे हो या बूढ़े सभी का भगवान राम के प्रति काफी गहरी आस्था है ,इसलिए अपने नाम के पीछे राम जरूर लगाते हैं. इसको लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि राम की सेना में दंडकारण्य  क्षेत्र के आदिवासी भी शामिल हुए थे और रावण से युद्ध के दौरान तीर धनुष थामे खड़े थे.
बस्तर के चाहे महिला हो या पुरुष बच्चे हो या बूढ़े सभी का भगवान राम के प्रति काफी गहरी आस्था है ,इसलिए अपने नाम के पीछे राम जरूर लगाते हैं. इसको लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि राम की सेना में दंडकारण्य क्षेत्र के आदिवासी भी शामिल हुए थे और रावण से युद्ध के दौरान तीर धनुष थामे खड़े थे.
4/9
यही वजह है कि आज भी बस्तर के आदिवासियों के लिए पारंपरिक हथियार तीर धनुष है. सैकड़ों आदिवासी आज भी तीर धनुष से ही वन्य जीवों का शिकार करते हैं, साथ ही अपने पारंपरिक पूजा और गांव में आयोजित होने वाले मेले में भगवान राम की प्रतिमा और तीर धनुष की पूजा करते हैं.
यही वजह है कि आज भी बस्तर के आदिवासियों के लिए पारंपरिक हथियार तीर धनुष है. सैकड़ों आदिवासी आज भी तीर धनुष से ही वन्य जीवों का शिकार करते हैं, साथ ही अपने पारंपरिक पूजा और गांव में आयोजित होने वाले मेले में भगवान राम की प्रतिमा और तीर धनुष की पूजा करते हैं.
5/9
भगवान राम के वनवास पर शोध कर रहे बस्तर के इतिहासकार और जानकार विजय भारत बताते हैं कि भगवान राम के प्रति बस्तर वासियों की काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है. भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान अपना काफी समय बस्तर के अलग-अलग क्षेत्रों में बिताया था, चित्रकोट, तीरथगढ़ और पाताल लोक कहे जाने वाले कोटोमसर गुफा में भी भगवान राम के आगमन के सबूत मिलते हैं. बकायदा तीरथगढ़ में भगवान राम के पग चिन्ह भी मौजूद हैं जिसकी आज भी आदिवासी पूजा करते हैं.
भगवान राम के वनवास पर शोध कर रहे बस्तर के इतिहासकार और जानकार विजय भारत बताते हैं कि भगवान राम के प्रति बस्तर वासियों की काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है. भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान अपना काफी समय बस्तर के अलग-अलग क्षेत्रों में बिताया था, चित्रकोट, तीरथगढ़ और पाताल लोक कहे जाने वाले कोटोमसर गुफा में भी भगवान राम के आगमन के सबूत मिलते हैं. बकायदा तीरथगढ़ में भगवान राम के पग चिन्ह भी मौजूद हैं जिसकी आज भी आदिवासी पूजा करते हैं.
6/9
उन्होंने बताया कि वनवास काल के दौरान भगवान राम के दंडकारण्य के प्रवास को लेकर कई लेखकों ने इस बात का जिक्र भी किया है कि राम की सेना में दंडकारण्य क्षेत्र के आदिवासी शामिल हुए थे, साथ ही उन्होंने युद्ध में भी हिस्सा लिया था.
उन्होंने बताया कि वनवास काल के दौरान भगवान राम के दंडकारण्य के प्रवास को लेकर कई लेखकों ने इस बात का जिक्र भी किया है कि राम की सेना में दंडकारण्य क्षेत्र के आदिवासी शामिल हुए थे, साथ ही उन्होंने युद्ध में भी हिस्सा लिया था.
7/9
यही नहीं बस्तर के आदिवासियों के हर घर में भगवान की पत्थर की मूर्ति बनाकर आज भी पूजा की जाती है और हर घर में भगवान राम का धाम कहा जाता है, इसके अलावा यहां के आदिवासियों का पारंपरिक हथियार भी तीर धनुष है, उन्होंने बताया कि भगवान राम के प्रति आदिवासियों की इतनी गहरी आस्था है कि आज भी कोई बच्चे के जन्म होने पर उसके नाम के पीछे जरूर राम लगाया जाता है. राम के नाम के सबसे ज्यादा आदिवासी बस्तर संभाग में ही देखने को मिलते हैं जैसे कि सोमारू राम, मनीराम लक्ष्मण राम, मंगल राम, बुधराम, शिवराम और ऐसे सैकड़ों नाम है जिसके नाम में राम हैं.
यही नहीं बस्तर के आदिवासियों के हर घर में भगवान की पत्थर की मूर्ति बनाकर आज भी पूजा की जाती है और हर घर में भगवान राम का धाम कहा जाता है, इसके अलावा यहां के आदिवासियों का पारंपरिक हथियार भी तीर धनुष है, उन्होंने बताया कि भगवान राम के प्रति आदिवासियों की इतनी गहरी आस्था है कि आज भी कोई बच्चे के जन्म होने पर उसके नाम के पीछे जरूर राम लगाया जाता है. राम के नाम के सबसे ज्यादा आदिवासी बस्तर संभाग में ही देखने को मिलते हैं जैसे कि सोमारू राम, मनीराम लक्ष्मण राम, मंगल राम, बुधराम, शिवराम और ऐसे सैकड़ों नाम है जिसके नाम में राम हैं.
8/9
बस्तर के जानकार हेमंत कश्यप बताते हैं कि जिस तरह भगवान राम शिव के पूजक थे और उन्होंने अपने वनवास के दौरान जगह-जगह शिवलिंग की स्थापना कर पूजा पाठ की, उसी तरह बस्तर में सबसे ज्यादा शिवलिंग मौजूद हैं और हर शिवलिंग के बगल में भगवान राम की मूर्ति स्थापित है.
बस्तर के जानकार हेमंत कश्यप बताते हैं कि जिस तरह भगवान राम शिव के पूजक थे और उन्होंने अपने वनवास के दौरान जगह-जगह शिवलिंग की स्थापना कर पूजा पाठ की, उसी तरह बस्तर में सबसे ज्यादा शिवलिंग मौजूद हैं और हर शिवलिंग के बगल में भगवान राम की मूर्ति स्थापित है.
9/9
यहां के आदिवासी भगवान शिव को बुढ़ा देव के नाम से पूजा पाठ करते हैं, तो वही भगवान श्रीराम को कुलदेव के नाम से पूजा पाठ करते हैं, बकायदा बस्तर के आदिवासियों के घरों में भगवान राम की पत्थर की मूर्ति ,लकड़ी की मूर्ति और वर्तमान में अब पोस्टर भी लगाई जाती है और रामनवमी पर कई गांवों में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है, जहां बकायदा ग्रामीण रात होने पर आदिवासी परंपरा के तहत  रामायण नाट्य का भी आयोजन करते हैं.
यहां के आदिवासी भगवान शिव को बुढ़ा देव के नाम से पूजा पाठ करते हैं, तो वही भगवान श्रीराम को कुलदेव के नाम से पूजा पाठ करते हैं, बकायदा बस्तर के आदिवासियों के घरों में भगवान राम की पत्थर की मूर्ति ,लकड़ी की मूर्ति और वर्तमान में अब पोस्टर भी लगाई जाती है और रामनवमी पर कई गांवों में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है, जहां बकायदा ग्रामीण रात होने पर आदिवासी परंपरा के तहत रामायण नाट्य का भी आयोजन करते हैं.

छत्तीसगढ़ फोटो गैलरी

छत्तीसगढ़ वेब स्टोरीज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget