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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
In Pics: चंद्र ग्रहण खत्म होते ही छत्तीसगढ़ के मंदिरों के कपाट खुले, हुआ शुद्धिकरण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण खत्म हो चुका है और सभी मंदिरों के कपाट भी खुल चुके हैं. मंदिरों को पानी से धोया जा रहा है, साथ ही मंत्रों के उपचारण के साथ ही पूजा-पाठ भी किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में चंद्रग्रहण 5:21 बजे शुरू हुआ और 6:19 बजे खत्म हुआ. इसके बाद लोग अपने घरों को शुद्ध जल से धोकर शुद्धिकरण करने में जुट गए.
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View In Appकई सालों बाद ऐसा हुआ है कि गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगा है. चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक लग गया था जिस पर प्रदेश के लगभग सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे. अब चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद छत्तीसगढ़ के सभी मंदिरों के कपाट खुल गए हैं.
मंदिर के पुजारी मंदिर परिसर को पानी से धोकर शुद्धीकरण कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण में ग्रहण का असर होता है, इसलिए मंदिरों के साथ-साथ लोग अपने घरों को भी पानी से धोकर शुद्धिकरण करते हैं. इससे ग्रहण का असर कम हो जाता है.
चंद्र ग्रहण के समाप्त होते ही सूतक भी खत्म हो जाता है. ग्रहण खत्म होने के बाद लोगों को स्नान जरूर करना चाहिए, इससे ग्रहण नहीं लगने की मान्यता है. इसके बाद घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें.
ऐसा माना जाता है कि गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल का छिड़काव घरों में करने से ग्रहण से आई नकारात्मकता और इसके दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं. स्वयं स्नान करने के बाद देवी-देवताओं को स्नान कराएं इसके बाद भोजन या खाने पीने की चीजों पर गंगाजल छिड़कें.
इसके बाद लोगों को मंदिर जाकर भगवान की पूजा पाठ करना चाहिए. साथ में दीप जलाकर दान करने से ग्रहण का प्रकोप कम हो जाता है.
चंद्र ग्रहण के सूतक काल के प्रभावी होने से पहले ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए. ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए.
ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए. ग्रहण की समाप्ति के बाद ही सूतक खत्म हो जाता है फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए
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