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Chhattisgarh Tourism: कांगेर वैली नेशनल पार्क में मिलीं प्राकृतिक सौंदर्य से भरी 15 गुफाएं, तस्वीरें देख दंग रह जाएंगे आप
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में जियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों, नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 15 नैसर्गिक गुफाओं की खोज की है.
![Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में जियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों, नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 15 नैसर्गिक गुफाओं की खोज की है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/447cecf186cae7e10d14bdfb3fb8da591691891654693658_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कांगेर वैली नेशनल पार्क में मिली गुफा
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![छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में जियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों, नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 15 नैसर्गिक गुफाओं की खोज की है. हालांकि इन गुफाओं में पांच गुफाएं पहले ही पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध हैं. वहीं अन्य 10 गुफाओं की भी खोज कर यह देश का पहला ऐसा नेशनल पार्क बन गया है, जहां एक ही स्थान पर 15 नैसर्गिक गुफाएं मिली हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/a19c385d86bfd6de9914d903e51bf7e9eb555.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में जियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों, नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 15 नैसर्गिक गुफाओं की खोज की है. हालांकि इन गुफाओं में पांच गुफाएं पहले ही पूरे देश विदेश में प्रसिद्ध हैं. वहीं अन्य 10 गुफाओं की भी खोज कर यह देश का पहला ऐसा नेशनल पार्क बन गया है, जहां एक ही स्थान पर 15 नैसर्गिक गुफाएं मिली हैं.
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![सभी गुफाओं की अपनी अलग खासियत है. दरअसल, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर का अनोखा खजाना है. घने जंगलों से घिरे इस राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु होने के साथ प्रसिद्ध वॉटरफॉल भी है. वहीं अब कांकेर वैली नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 10 और गुफाओ की खोज की है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/d30d390ee8a427595cab4d608f2d4a6e595e9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सभी गुफाओं की अपनी अलग खासियत है. दरअसल, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर का अनोखा खजाना है. घने जंगलों से घिरे इस राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु होने के साथ प्रसिद्ध वॉटरफॉल भी है. वहीं अब कांकेर वैली नेशनल पार्क के मैदानी अमले और स्थानीय आदिवासियों ने यहां 10 और गुफाओ की खोज की है.
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![इन गुफाओं की सुंदरता और विशेषता जानने के लिए कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन ने कॉफी टेबल बुक तैयार किया है, जिसमें इन गुफाओं की खासियत की जानकारी है. पार्क प्रबंधन का मानना है कि इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से देश-विदेश में राष्ट्रीय उद्यान का प्रचार प्रसार करने में मदद मिलेगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/27ea0de2af57f4214081d088a4f68bae57a0b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इन गुफाओं की सुंदरता और विशेषता जानने के लिए कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन ने कॉफी टेबल बुक तैयार किया है, जिसमें इन गुफाओं की खासियत की जानकारी है. पार्क प्रबंधन का मानना है कि इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से देश-विदेश में राष्ट्रीय उद्यान का प्रचार प्रसार करने में मदद मिलेगी.
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![साथ ही राष्ट्रीय उद्यान के प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित करने में भी सहायता मिलेगी. दरअसल अब तक कांगेर वैली नेशनल पार्क में 5 गुफाओं की ही खोज हुई थी. इसमें कोटमसर गुफा और कैलाश गुफा विश्व में प्रसिद्ध हैं. इसे छत्तीसगढ़ का पाताल लोक भी कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/8bef61dfbb6108b10ab989446f53d55ef0b10.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
साथ ही राष्ट्रीय उद्यान के प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित करने में भी सहायता मिलेगी. दरअसल अब तक कांगेर वैली नेशनल पार्क में 5 गुफाओं की ही खोज हुई थी. इसमें कोटमसर गुफा और कैलाश गुफा विश्व में प्रसिद्ध हैं. इसे छत्तीसगढ़ का पाताल लोक भी कहा जाता है.
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![कोटमसर प्राकृतिक भूमिगत गुफा 60 से 120 फिट गहरी है और इसकी लम्बाई 4500 फिट है. इस गुफा की खोज 1950 के दशक में भूगोल के प्रोफेसर डॉ. शंकर तिवारी ने कुछ स्थानीय आदिवासियों की मदद से की थी. इस गुफा के अंदर चूना पत्थर से बनी आकृतियां हैं. यही नहीं यहां चूना पत्थर, कार्बनडाईऑक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया के कारण उपर से नीचे की ओर कई सारी प्राकृतिक संरचनाएं बन गई हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/64af258b5df809eac78a729e167bf8f70fc41.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कोटमसर प्राकृतिक भूमिगत गुफा 60 से 120 फिट गहरी है और इसकी लम्बाई 4500 फिट है. इस गुफा की खोज 1950 के दशक में भूगोल के प्रोफेसर डॉ. शंकर तिवारी ने कुछ स्थानीय आदिवासियों की मदद से की थी. इस गुफा के अंदर चूना पत्थर से बनी आकृतियां हैं. यही नहीं यहां चूना पत्थर, कार्बनडाईऑक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया के कारण उपर से नीचे की ओर कई सारी प्राकृतिक संरचनाएं बन गई हैं.
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![ये धीरे- धीरे बनती और बढ़ती भी जा रही हैं. गुफा के भीतर सूर्य की रौशनी बिल्कुल भी नहीं पहुंचती है. यही खासियत कैलाश गुफा और दंडक गुफा की भी है. वहीं अब 5 गुफाओं के अलावा 10 अन्य गुफाओं को भी नेशनल पार्क के अमले और स्थानीय आदिवासियों ने खोज निकाला है. हालांकि बरसात के मौसम में यह गुफाएं पर्यटकों के लिए बंद रहती हैं, लेकिन इस पार्क में घूमने आने वालों पर्यटकों के लिए यह प्राकृतिक गुफाएं मुख्य आकर्षण का केंद्र होती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/dfaa7816b3f33757bcd9a9c520fcdf560eb81.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ये धीरे- धीरे बनती और बढ़ती भी जा रही हैं. गुफा के भीतर सूर्य की रौशनी बिल्कुल भी नहीं पहुंचती है. यही खासियत कैलाश गुफा और दंडक गुफा की भी है. वहीं अब 5 गुफाओं के अलावा 10 अन्य गुफाओं को भी नेशनल पार्क के अमले और स्थानीय आदिवासियों ने खोज निकाला है. हालांकि बरसात के मौसम में यह गुफाएं पर्यटकों के लिए बंद रहती हैं, लेकिन इस पार्क में घूमने आने वालों पर्यटकों के लिए यह प्राकृतिक गुफाएं मुख्य आकर्षण का केंद्र होती हैं.
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![कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि अब तक देश और विदेश से आने वाले पर्यटक इस नेशनल पार्क में केवल पांच प्रसिद्ध गुफाओं को ही देख पाने के साथ इनके बारे में जानकारी रखते थे, लेकिन अब यहां कुल 15 गुफाएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी. उन्होंने बताया कि सभी गुफाओं की अपनी अलग-अलग खासियत है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/e14ae2b76411fd3d6e52d4f5e16e4a47c09a7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि अब तक देश और विदेश से आने वाले पर्यटक इस नेशनल पार्क में केवल पांच प्रसिद्ध गुफाओं को ही देख पाने के साथ इनके बारे में जानकारी रखते थे, लेकिन अब यहां कुल 15 गुफाएं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी. उन्होंने बताया कि सभी गुफाओं की अपनी अलग-अलग खासियत है.
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![गणवीर धम्मशील ने बताया कि प्राकृतिक रूप से इन गुफाओं में किसी तरह की छेड़खानी प्रबंधन के द्वारा नहीं की जा रही है. इन गुफाओं की खासियत जानने के लिए पार्क प्रबंधन ने कॉफी टेबल बुक तैयार किया है, जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री ने विमोचन किया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/2e19f328f6da574ce1edf0ffee2acf957f135.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गणवीर धम्मशील ने बताया कि प्राकृतिक रूप से इन गुफाओं में किसी तरह की छेड़खानी प्रबंधन के द्वारा नहीं की जा रही है. इन गुफाओं की खासियत जानने के लिए पार्क प्रबंधन ने कॉफी टेबल बुक तैयार किया है, जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री ने विमोचन किया है.
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![उन्होंने कहा कि कॉफी टेबल बुक के माध्यम से पर्यटक इन गुफाओं की खासियत जान सकेंगे और इस बुक के माध्यम से राष्ट्रीय उद्यान का प्रचार प्रसार करने में भी मदद मिल सकेगी. खास बात यह है कि यह देश का पहला ऐसा नेशनल पार्क बन गया है, जहां एक ही जगह पर 15 प्राकृतिक गुफाओं की खोज हुई है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/13/054adca71e31b29901c48ae30389a408200da.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने कहा कि कॉफी टेबल बुक के माध्यम से पर्यटक इन गुफाओं की खासियत जान सकेंगे और इस बुक के माध्यम से राष्ट्रीय उद्यान का प्रचार प्रसार करने में भी मदद मिल सकेगी. खास बात यह है कि यह देश का पहला ऐसा नेशनल पार्क बन गया है, जहां एक ही जगह पर 15 प्राकृतिक गुफाओं की खोज हुई है.
Published at : 13 Aug 2023 07:32 AM (IST)
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