In Pics: छत्तीसगढ़ में पहले फेज का चुनाव कराकर वापस लौट रहे जवान, नक्सलियों के मंसूबों को किया नाकाम
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर (Bastar) संभाग के 12 विधानसभा सीटों में पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में छुटपुट वारदातों के बीच पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव आयोग ने यहां मतदान संपन्न करा लिया है. घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान कराने गए पोलिंग पार्टी के साथ ही केंद्र से भेजे गए सुरक्षा बल भी पूरी तरह से सुरक्षित वापस लौट चुके हैं और अब जवानों का बस्तर से वापस जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
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View In Appसुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से सभी 12 विधानसभा सीटो में मतदान संपन्न कराने के बाद बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जवान भी खुश हैं. पिछले दो दशक में यह पहला मौका है, जब बस्तर में मतदान के दौरान एक भी जवान नक्सल घटना में शहीद नहीं हुआ है. हालांकि, अलग-अलग वारदातों में जरूर 7 से 8 सीआरपीएफ के जवान घायल हुए हैं, लेकिन सभी की स्थिति अब सामान्य बनी हुई है. वहीं इस बार जवानों ने मतदान के दौरान कुछ नक्सलियों को मार गिराने का भी दावा किया है.
चुनाव आयोग ने इन 12 विधानसभा सीटों में सुरक्षित मतदान संपन्न कराने के लिए जो साधन संसाधन और अपनी ताकत झोंकी थी, वह पूरी तरह से सफल होता नजर आया. बस्तर में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सबसे बड़ा योगदान छत्तीसगढ़ के स्थानीय पुलिस के साथ चुनाव आयोग के द्वारा भेजी गई 80 हजार से ज्यादा केंद्रीय रिजर्व फोर्स 12MI-17 हेलीकॉप्टर और हाईटेक ड्रोन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
यही वजह है कि, इस साल पिछले चुनाव के मुकाबले न सिर्फ नक्सल प्रभावित जिलों में मतदान का प्रतिशत बढ़ा, बल्कि ग्रामीण भी निर्भय होकर केंद्रों में मतदान करने पहुंचे. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग में हुए प्रथम चरण के मतदान में लोकतंत्र की जीत हुई है. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बस्तर के सभी 12 विधानसभा सीटों में मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर मतदान किया.
इस बार घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 126 से ज्यादा नए मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां ग्रामीण बिना डरे अपने मत का प्रयोग करने पहुंचे. एक लाख जवानों की सुरक्षा के बीच सभी मतदान केंद्र में सुरक्षित मतदान संपन्न कराया गया और ईवीएम मशीनों के साथ पोलिंग पार्टी और सुरक्षा में लगे सभी जवान वापस भी लौट गए हैं. हालांकि, नक्सलियों ने जरूर चुनाव बहिष्कार के लिए जगह-जगह पुलिस पार्टी और मतदान दलों को निशाना बनाकर हमले की पूरी साजिश रची, लेकिन जवानों के हौसले बुलंद रहने की वजह से नक्सली अपने किसी भी नापाक मंसूबो में कामयाब नहीं हो पाए. जिन जगहों में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुए वहां जवानों ने नक्सलियों का डटकर सामना कर उनका मुंह तोड़ जवाब दिया.
मुठभेड़ के दौरान और नक्सलियों द्वारा प्लांट आईईडी ब्लास्ट में जरूर 7 से 8 जवान घायल हुए, लेकिन अब उनकी स्थिति सामान्य बनी हुई है. केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस जिसमें DRG, बस्तर फाइटर, एसटीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों ने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मतदान केंद्रों में तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ग्रामीणों को निर्भय होकर मतदान कराने में जवानों की अहम भूमिका रही.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि, प्रथम चरण के मतदान में पुलिस फोर्स के साथ वायु सेवा के MI-17 हेलीकॉप्टर की भी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही. इन हेलीकॉप्टर के पायलट ने इस साल चुनाव में ऐसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने हेलीकॉप्टर उतारकर मतदान संपन्न कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आईजी ने बताया कि, चुनाव के 6 दिन पहले से ही लगातार MI-17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षा बलों को और मतदान कर्मियों को मतदान केन्द्रों तक छोड़ने के साथ मतदान संपन्न कराने के बाद उन्हें वापस लाने का काम हेलीकॉप्टर से ही किया गया. उन्होंने बताया कि 43 अति संवेदनशील इलाकों तक एयरफोर्स के 8 हेलीकॉप्टर ने 853 मतदान कर्मियों को छोड़ा और वापस लेकर आए.
वहीं 6 दिन के भीतर MI-17 की 404 उड़ानों की वजह से इस बार सफलतापूर्वक चुनाव सम्पन्न हुआ. हेलीकॉप्टर के साथ-साथ ड्रोन से भी संवेदनशील इलाकों में नजर रखी गई थी, जिससे नक्सलियों के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा सकी. ड्रोन कैमरे के मदद से ही बीजापुर इलाके में नक्सलियों के उनके साथी की मारे जाने की पुष्टि हुई. बकायदा ड्रोन कैमरे में स्पष्ट नजर आ रहा था कि, नक्सली अपने दो साथियों के शवों को कंधे में लादकर ले जा रहे थे. हेलीकॉप्टर, ड्रोन के अलावा पड़ोसी राज्य आंध्र, उड़ीसा, तेलंगाना की फोर्स और महिला कमांडो की भी इस चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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