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Khallari Mata Temple: खल्लारी माता का वो मंदिर जहां हुआ था भीम और हिडिंबा का विवाह, जानिए इसका इतिहास
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खल्लारी माता मंदिर
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
Khallari Mata Temple : भारत में अनेकों मंदिर और ऐसे शहरों का नाता रामायण और महाभारत से जुड़े हुआ है. इन्ही में से एक मंदिर है छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित माता खल्लारी का मंदिर. इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यहां पर महाबली भीम और राक्षसी हिडिंबा का विवाह संपन्न हुआ था. जिसके बाद यहां पर माता खल्लारी का मंदिर बनाया गया. आइए जानते हैं इससे मंदिर से जुड़ी कुछ और खास बातें.....
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
माता खल्लारी का ये मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले करीब 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. ये मंदिर एक उंची पहाड़ी पर बना हुआ है. प्राचीन काल में इस स्थान को खलवाटिका के नाम से जाना जाता था. बता दें कि माता के दर्शन के लिए भक्तों को करीब 850 सीढ़ियां चढ़नी पार करनी पड़ती है.
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
बता दें कि माता खल्लारी के मंदिर के पास एक छोटी खल्लारी माता का मंदिर भी है और दोनों ही मंदिरों नें नवरात्रि के दौरान भव्य मेला लगाया जाता है.
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
कहा जाता है कि महाभारत काल के दौरान यहां पर एक हिडिंब नाम का राक्षस रहता था और उसकी एक बहन हिड़िंबा भी थी. वहीं जब महाबली भीम एक बार इस जगह पर विश्राम करने आए तो हिंडिबा उन्हें देखकर मोहित हो गई.
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
लेकिन तभी हिडिंब राक्षस और भीम के साथ युद्ध हो गया. जिसमें राक्षस की मौत हो गई. इसके बाद माता कुंती के आदेश पर भीम ने राक्षसी हिंडिबा से विवाह किया।
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
इस घटना के बाद से इस जगह को भीमखोज के नाम से भी जाना जाने लगा. बता दें कि इस मंदिर के अलावा यहां पर भीम चूल्हा, भीम की नाव स्थान भी मौजूद हैं.
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
वहीं मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के पास एक गुफा है जिसमें देवी माता की ऊंगली का निशान था. इसलिए मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है.
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
वहीं स्थानीय जनश्रुतियों की मानें तो इस गांव में खल्लारी माता का निवास था. यहां माता कन्या का रूप धारण करके खल्लारी में लगने वाले हाट बाजार में आती थी. इसी दौरान मेले में आया एक बंजारा माता के रूप पर मोहित हो गया और उनका पीछे करते हुए पहाड़ी पर पहुंच गया. जिससे माता बुरी तरह से क्रोधित हो गई और उन्होंने बंजारे को श्राप देकर उसे पत्थर में परिवर्तित कर दिया और खुद भी वहां विराजमान हो गईं.
Published at : 31 May 2022 05:16 PM (IST)
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उत्कर्ष सिन्हा
Opinion