In Pics: जशपुर में खतरे में नदियों का अस्तित्व, पानी की कमी बनी परेशानी
छत्तीसगढ़ के जशपुर में बेतरतीब दोहन से अधिकांश नदियों के जलस्तर पर काफी प्रभाव पड़ा है. कुछ नदियों विलुप्ति के कगार पर हैं.
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View In Appछत्तीसगढ़ का जशपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में मशहूर है. यहां एक दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है लेकिन इन नदियों पर मानवीय अतिक्रमण और नदियों के बेतरतीब दोहन से अधिकांश नदियों के जलस्तर पर काफी प्रभाव पड़ा है. कुछ नदियों विलुप्ति के कगार पर हैं.
अब इन नदियों के संरक्षण के लिए प्रशासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गया है. जशपुर में पहाड़, झरने और कई नदियां हैं. वर्तमान में जिले में बहने वाली अधिकांश नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. यही वजह है कि जिले के कई झरनों में भी अब पानी कम हो रहा है. नदियों में पानी कम होने से जिले की सुंदरता को ग्रहण तो लगा ही है साथ ही खेती किसानी जैसे कामों में भी दिक्कत आ रही है.
जशपुर में नदियों के अस्तित्व पर मंडराते खतरें को देखते हुए लगातार यहां नदियों के संरक्षण की बात उठती रही है. जिसको अब प्रशासन ने संज्ञान लिया है और नदियों के संरक्षण के लिए काम शुरू कर दिया है. जिले की प्रमुख नदियां डोडकी, मैनी, ईब, कनहर, गेऊर और सोनमूठ नदी के संरक्षण के लिए अभियान शुरू किया गया है.
स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और कर्मचारी मिलकर अब छुट्टियों के दिन इन नदियों के उद्गम स्थल के साथ नदी के अन्य हिस्सों में श्रमदान करेंगे. श्रमदान के दौरान उद्गम स्थलों के आसपास से झाड़ियों को हटाने और पत्थर बिछाने का काम किया जाएगा. वहीं, अवैध उत्खनन से नदियों के प्राकृतिक जल स्त्रोत पर पड़ने वाले असर को देखते हुए अब प्रशासन अवैध रेत उत्खनन पर भी सख्ती बरतेगा.
एसडीएम विजय प्रताप खेस ने बताया कि बगीचा में 5 नदी हैं. मैनी नदी के उद्गम स्थल से शुरुआत की गई है और इसका उद्देश्य यही कि जिस तरह से हम देखते हैं कि किसी नदी के उद्गम स्थल पर हमारी कुछ गलतियां रहती है, त्रुटियां रहती है जिसके कारण उसके स्त्रोत बंद होते जा रहे हैं. स्त्रोत बंद होने का परिणाम ये हो रहा है कि निचले स्तर पर पानी नहीं होता है और नदियां सूखती जा रही हैं.
विजय प्रताप खेस ने बताया कि, नदी के उद्गम स्थल पर श्रमदान के माध्यम से साफ-सफाई कर रहे हैं. ताकि मानव, पशु, पक्षी की निस्तारी में इस क्षेत्र को पानी की कमी ना हो. ये अभियान जिला प्रशासन के आदेश अनुसार चलाया गया है. नदियों के उद्गम का जो स्त्रोत है वो लगातार बहता रहे ऐसा प्रयास करेंगे.
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