IPS Suraj Parihar: कम उम्र में ही IPS अफसर बने सूरज सिंह, जानिए बैंक की नौकरी से पुलिस अधिकारी तक का सफर
IPS Suraj Singh: छत्तीसगढ़ शासन में गृह (पुलिस) विभाग के अवर सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव ने प्रदेश के विभिन्न जिलो में पदस्थ पुलिस अधीक्षकों (SP) का अस्थायी रूप से तबादला किया है. जारी सूची के अनुसार अब कोरिया जिले के नये पुलिस अधीक्षक के रूप में सूरज सिंह परिहार होंगे.
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View In Appसूरज सिंह परिहार का जन्म मूलत: उत्तरप्रदेश के जौनपुर में हुआ. उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 189 हॉसिल कर मात्र 30 वर्ष की उम्र में आईपीएस बनने का सपना पूरा किया. जानकारी के अनुसार नवपदस्थ कोरिया पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने आठ बैंकों के लिए एग्जाम दिया और सभी एग्जाम पास कर लिए. इन्होंने 4 महीने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में काम किया और इसके बाद वे एसबीआई में चले गए.
सूरज सिंह परिहार पांचवीं कक्षा तक अपने दादा-दादी के साथ रहते हुए उत्तर प्रदेश के जौनपुर के एक छोटे से गांव के स्कूल में पढ़ाई की. वह अपने दादा से देश और लोगों की सेवा करने वाले पुरुषों की कहानियों सुनकर बड़े हुए. पांचवीं क्लास के बाद वह अपने माता-पिता के साथ कानपुर के जाजमऊ के उपनगर में चले गए और एक हिंदी मीडियम स्कूल में शामिल हो गए.
साल 2000 में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के हाथों रचनात्मक लेखन और कविता के लिए राष्ट्रीय बाल श्री पुरस्कार जीता. एसएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 23 रैंक के साथ कस्टम एण्ड इक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में चुने गए.
आखिरी अटेंप्ट में यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया और आईआरएस के लिए सलेक्ट हुए लेकिन सरकार के नियमों में बदलाव करते हुए दो अटैम्प्ट बढ़ा दिया और फिर सूरज आईपीएस बन कर चमक उठे.
ट्रेनिंग के बाद सूरज को रायपुर में एसपी सिटी नियुक्त किया गया. वहां अच्छे कामों को देखते हुए प्रमोट किया और फिर पोस्टिंग नक्सली प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा में हुईं. वहां उन्होनें युवाओं को जागरूक करने के लिए एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई, जिसका नाम था 'नई सुबह का सूरज'.
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