Kawardha: छत्तीसगढ़ का वो सरकारी स्कूल जहां पिछले 5 सालों से बोर्ड के परीक्षाओं में एक भी बच्चा नहीं हुआ फेल, वजह कर देगी हैरान
Kawardha Government School - छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक ऐसा शासकीय स्कूल है जो पिछले पांच सालों के बोर्ड परीक्षा में लगातार शत-प्रतिशत परिणाम लेकर छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बना चुका है. शिक्षक एवं बच्चों की मानें तो छुट्टी के दिनों में भी कक्षा संचालित होने की वजह से दसवीं कक्षा में पिछले पांच सालों और बारहवीं कक्षा में पिछले तीन सालों से लगातार शत-प्रतिशत परिणाम हासिल हो रहे हैं. यही नहीं इस स्कूल में पिछले तीन सालों से बारहवीं के सभी छात्र-छात्रा प्रथम श्रेणी से पास हो रहे हैं. जिसकी वजह से जिलेभर में उनकी सराहना हो रही है.
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View In Appछत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा दसवीं और वारहवीं की परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला का शासकीय स्कूल के बच्चे लगातार पांच वर्षों से शत प्रतिशत परिणाम ला रहे है. आज के दौर में लोग बेहतर परिणाम के लिए अपने बच्चों को ज्यादातर निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं. लेकिन कवर्धा जिले के कापादाह शासकीय उच्चर माध्यमिक विद्यालय ने अपने परिणाम से सबको हैरान कर दिया है. जो परिणाम प्रदेश के बड़े - बड़े निजी स्कूल नही ला सकते. वह काम पिछले पांच वर्षों के शासकीय स्कूल के परिणाम ये बताने के लिए काफी है कि यह स्कूल निजी स्कूलों को मात दे रहा है. इस स्कूल के शिक्षक और बच्चों के कड़ी परिश्रम व लगन ने लोगों को शासकीय स्कूलों में पढ़ाई करने का शानदार नमूना पेश किया है.
इस शासकीय स्कूल के बच्चों के शत - प्रतिशत परिणाम के पीछे खास बात ये है कि इस स्कूल में अध्यापन करने वाले शिक्षकों की लगन जो स्कूल के दिनों में तो स्कूल पहुंचते ही हैं इसके अलावा त्यौहारों और शासकीय छुट्टी के दिन भी बराबर कक्षा संचालित करते हैं. ताकि बच्चों का कोर्स पूरा हो सके और दोबारा कोर्स पढ़ने में समय मिल सके. वहीं बच्चो की मानें तो इस परिणाम के पीछे शिक्षकों की कड़ी मेहनत है. जिन्होंने हम सभी बच्चों को बाहर कोचिंग नही करने देते. साल में सिर्फ होली और दिवाली के दिन ही छुट्टी मनाते हैं.
यही कारण है कि इस वर्ष कक्षा दसवीं में कुल 163 विद्यार्थि परीक्षा में शामिल हुए और सभी उत्तीर्ण हुए इसी प्रकार कक्षा बारहवीं में कुल 87 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए और सभी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर ना सिर्फ स्कूल का बल्कि जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया. कक्षा दसवीं में जहां वर्षारानी बंजारे ने 91.1प्रतिशत हासिल कर स्कूल में टॉप किया तो वहीं बारहवीं में अंजुलता ने 89.1 प्रतिशत प्राप्त किया. वहीं शाला विकास समिति की ओर से इस परिणाम का पूरा श्रेय शिक्षकों को दिया जा रहा है.
स्कूल की छात्रा अंजू लता का कहना है कि हमारे स्कूल में टीचर और स्टूडेंट दोस्त की तरह रहते हैं. टीचर हमको कई बार रिवीजन कराते हैं. और जो चीज में समझ नहीं आता उसे बार-बार समझाते हैं. हम अगर घर पर रहते हैं तो फोन के माध्यम से टीचर से सलूशन पूछते हैं. हमारे स्कूल के शिक्षक इतनी अच्छी तरह से पढ़ाते हैं कि हमें बाहर कोचिंग करने की जरूरत ही नहीं पड़ती. यही वजह है कि हमारी पढ़ाई अच्छी होती है.
स्कूल के प्राचार्य रूपचंद जायसवाल का कहना है कि हम कार्ययोजना तैयार करके बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देते हैं. हमारे स्कूल में दिवाली और दशहरा के दिन की छुट्टी होता है. बाकी हर रविवार को भी स्कूल लगता हैं. जो बच्चा कमजोर है उसकी सुबह और शाम को अतिरिक्त क्लास ली जाती है. इतना ही नहीं उनके पालकों का मोबाइल नंबर लेकर रात में उन बच्चों को फोन करके उनके समस्याओं का समाधान करते हैं. हमारे स्कूल के टीचर और बच्चे एक टीम की तरह काम करते हैं. यही वजह है कि आज हमारा स्कूल पिछले 5 सालों से शत -प्रतिशत परिणाम ला रहा है.
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