Photos: ठंड के मौसम में पर्यटकों के लिए स्वर्ग है बस्तर, देखें यहां के 10 सबसे खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट
बस्तर में नंवबर महीने से ही ठंड के मौसम का एहसास होने लगा है. तीज त्यौहारों के बाद अब पर्यटक बड़ी संख्या में इस ठंड के मौसम में पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठाने बस्तर पहुंच रहे हैं. अपने इस विंटर वेकेशीयन को खास बनाने के लिए पर्यटक नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीने में पड़ने वाली ठंड के दिनों में घूमने के लिए हिल स्टेशन और वाटरफॉल्स ढूंढते हैं.
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View In Appशिमला, मनाली, कश्मीर के साथ ही देश के कुछ प्रसिद्ध जगहों के अलावा छत्तीसगढ़ में भी एक ऐसी जगह है, जो मिनी कश्मीर के नाम से पूरे देश में मशहूर है. यहां ठंड के मौसम में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं हर साल पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने बस्तर में ट्राइबल होमस्टे के साथ ही सरकारी रिसॉर्ट भी तैयार किया है.
यहां पर्यटकों के लिए ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था है. हम आपको बस्तर संभाग के 10 मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ठंड के मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहते हैं. बस्तर जिला छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के मुकाबले घने जंगलों से घिरा हुआ है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी तरह की कोई उद्योग, फैक्ट्री और पेड़ो की कटाई नहीं होने की वजह से यहां कमोबेश छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से काफी ठंड पड़ती है.
यहां पर मौजूद पर्यटन स्थल भी घने जंगलों के बीच मौजूद हैं, इसलिए यहां 12 महीनों ठंड का एहसास होता है, खासकर बस्तर का तीरथगढ़ वॉटरफॉल काफी प्रसिद्ध है. यहां ठंड के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटकों की मौजूदगी रहती है. यहां बने वुड के सरकारी रिजॉर्ट शिमला के रिजॉर्ट से कम नहीं लगते. यही वजह है कि तीरथगढ़ में ठंड के साथ-साथ गर्मी के दिनों में भी ठंड का अहसास होता है.
इसके अलावा बस्तनार में मौजूद मिचनार काफी प्रसिद्ध है. ये पर्यटन स्थल ऊंची जगह पर होने के चलते यहां से बस्तर के घने जंगलों की खूबसूरती और वादियां काफी खूबसूरत दिखाई देती है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए नाइट टैंट का भी इंतजाम किया गया है. शाम होते ही यहां ठंडी हवा चलने से पर्यटक इस जगह को फील करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. इसके अलावा बस्तर जिले में कांगेर वैली नेशनल पार्क है.
इसके अलावा बस्तनार में मौजूद मिचनार काफी प्रसिद्ध है. ये पर्यटन स्थल ऊंची जगह पर होने के चलते यहां से बस्तर के घने जंगलों की खूबसूरती और वादियां काफी खूबसूरत दिखाई देती है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए नाइट टैंट का भी इंतजाम किया गया है. शाम होते ही यहां ठंडी हवा चलने से पर्यटक इस जगह को फील करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. इसके अलावा बस्तर जिले में कांगेर वैली नेशनल पार्क है.
इसके अलावा बस्तनार में मौजूद मिचनार काफी प्रसिद्ध है. ये पर्यटन स्थल ऊंची जगह पर होने के चलते यहां से बस्तर के घने जंगलों की खूबसूरती और वादियां काफी खूबसूरत दिखाई देती है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए नाइट टैंट का भी इंतजाम किया गया है. शाम होते ही यहां ठंडी हवा चलने से पर्यटक इस जगह को फील करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. इसके अलावा बस्तर जिले में कांगेर वैली नेशनल पार्क है.
आसपास जंगल झाड़ियों से बनी झोपड़ी हर्ट्स और इसके अलावा हरी-भरी वादियां काफी ठंडक महसूस कराती हैं. यही वजह है कि दंतेवाड़ा घूमने आने वाले पर्यटक हंदवाड़ा वाटरफॉल का लुफ्त जरूर उठाते हैं. इसके अलावा बीजापुर में मौजूद नीलम सरई वाटरफॉल है. यह वाटरफॉल बस्तर संभाग के सबसे ऊंचे वाटरफॉल में शुमार है. यह भी घने जंगलों के बीच मौजूद है.
इसके अलावा बस्तर जिले का चित्रकोट वाटरफॉल भी पर्यटकों की पहली पसंद रहती है. देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर इस चित्रकोट वाटरफॉल में हमेशा पर्यटकों की मौजूदगी रहती है.
करीब 95 फीट ऊंचाई से गिरता वाटरफॉल का पानी यहां पहुचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है. यही नहीं घने जंगलों के बीच बने एक से बढ़कर एक वुड कॉटेज ,सरकारी रिजॉर्ट और आसपास की हरी-भरी वादियां पर्यटकों को काफी लुभाती हैं.
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