Chhattisgarh Weather: सरगुजा संभाग में ठंड का कहर, इन इलाकों में जमकर पड़ रहा पाला, हर दिन जम रही ओस की बूंदे, देखें तस्वीरें
Surguja Weather Update: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है. रविवार को संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे रहा. 2 जनवरी से अचानक बढ़ी ठंड ने हर किसी को कंपा दिया है. हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में ज्यादा प्रभावित ग्रामीण इलाके के लोग हो रहे हैं, उनकी दिनचर्या बिगड़ गई है.
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View In Appइधर बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में तापमान इतना कम हो गया कि रातभर में घरों के बाहर खड़े वाहनों के ऊपर बर्फ के पाले की परत जम गई. वाड्रफनगर ब्लॉक अंतर्गत रजखेता इलाके में सुबह जब लोग उठे तो घर के बाहर खड़े वाहनों के ऊपर बर्फ के समान पतली परत देख हैरान रह गए. वाड्रफनगर में तापमान लगभग 2 डिग्री के आसपास पहुंच गया है.
इसके अलावा सरगुजा जिले के मैनपाट में भी जमकर पाला पड़ा है. दूसरे दिन भी पुआल के ढेर और मैदानों में बर्फ के समान पाले की सफेद चादर बिछ गई थी. मौसम विज्ञानियों के अनुसार कड़ाके की ठंड का यह दौर अभी एक-दो दिनों तक और जारी रहने की संभावना है.
जनवरी के पहले पखवाड़े में उत्तरी छत्तीसगढ़ में ठंड के तीखे तेवर लोग महसूस कर रहे हैं. पहले लगातार चार दिनों तक घना कोहरा से जनजीवन बेहाल रहा. कोहरा छटा तो कड़ाके की ठंड से लोग सिहर उठे. हालत ऐसी हो गई कि शाम ढलते ही ठंड से राहत पाने लोग अलाव तापते रहते हैं. बाजार में रात 8 बजे के बाद चहल पहल कम हो जा रही है. इधर सुबह भी आवाजाही ठंड के कारण प्रभावित रहती है.
मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि इन दिनों मौसम पूरी तरह साफ है. उत्तर और पश्चिमोत्तर दिशा से शुष्क हवा सरगुजा संभाग में बह रही है, क्योंकि उत्तरी और हिमालयन क्षेत्र में भारी हिमपात हुआ है. इसलिए वहां से आने वाली हवा काफी ठंड रहती है, यही कारण है कि उत्तरी छत्तीसगढ़ में अचानक तापमान में गिरावट हुई है. अभी दो-तीन दिनों तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है.
बता दें कि सरगुजा संभाग में अचानक बढ़ी ठंड ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसान धान कटाई, मिंजाईं के बाद खाली पड़े खेतों में गोभी, टमाटर, बैगन, मटर जैसे फसल लगाए हुए हैं. जो ठंड की वजह से काला पड़ रहा है. इससे किसानों को बड़ा नुकसान होने का अंदेशा सता रहा है.
जिन इलाकों में ज्यादा ठंड का प्रकोप है. वहां सब्जियों की फसलें काली पड़ जा रही है. ऐसे में अगर ठंड का मिजाज ऐसा ही रहा तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है.
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