In Photos: छत्तीसगढ़ के 'पाताल लोक' में पाई जाती हैं अंधी मछलियां, देश-विदेश से यहां घूमने आते हैं पर्यटक, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ का पाताल लोक कहे जाने वाले कुटुमसर गुफा और कैलाश गुफा गुफा को भी देखने बड़ी संख्या में पर्यटक कांगेर वैली नेशनल पार्क पहुंच रहे हैं, साथ ही इन गुफाओं में मौजूद अंधी मछलियो को भी देखकर आश्चर्यचकित हो रहे हैं, दरअसल कैलाश गुफा और कुटुमसर गुफा में मौजूद अंधी मछलियों को देखने दुनिया भर से लोग यहां आते हैं.
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View In Appखास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में केवल इसी पाताल लोक के कुंड में इस तरह अलग प्रजाति की मछलियां देखने को मिलती है. गुफा के भीतर कुंड में अंधी मछलियां पाई जाती है. दरअसल कांगेर वैली नेशनल पार्क में मौजूद कुटुमसर गुफा और कैलाश गुफा जमीन से करीब 40 से 50 फीट गहरा है, करीब 200 फीट तक ऊंची दीवारें और इसके ऊपर छत पर झूमरनुमा आकृतियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है.
अंधेरा होने की वजह से इसे छत्तीसगढ़ का पाताल लोक भी कहा जाता है, और हमेशा गुफा के अंदर सन्नाटा पसरा रहता है, और यहां पाई जाती है अंधी मछलियां, बस्तर के जानकार हेमंत कश्यप बताते हैं कि इस गुफा में पाई जाने वाली मछलियां जन्म से अंधे नहीं होती है.
लंबे समय तक अंधेरे में रहने के कारण इनकी आंखों पर चर्बी की सफेद परत चढ़ गई होती है, ये अपनी मूंछों के संवेदनशीलता से परिस्थितियों का आंकलन करती है, और उसके अनुरूप व्यवहार भी, इन मछलियों को स्थानीय ग्रामीण पखना तुरु कहते हैं, इसका वैज्ञानिक नाम इंडोनियोरेक्टस इवेजारडी है.
गुफा के स्थिर तापमान में कुंडों में पनपने वाले सूक्ष्म जीवाणु ही इनका आहार है. हालांकि पर्यटकों के द्वारा छेड़खानी की वजह से अब इस जगह को सुरक्षित कर दिया गया है और दूर से ही गुफा अंदर मौजूद कुंड में इन अंधी मछलियों को पर्यटक देख सकते हैं.
राजधानी रायपुर से करीब 360 किलोमीटर दूर और जगदलपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क के कुटुमसर और कैलाश गुफा को प्रकृति ने हीरे मोती नुमा पत्थरों से तराशा है.
लगभग 40 से 50 फीट की गहराई और गुफा के भीतर घुप अंधेरा और इस गुफा की प्राकृतिक बनावट पर्यटको को अपनी और खींच लेती है, और इस गुफा के अंदर अंधी मछलियां मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है, इस साल इन गुफाओं का दीदार करने बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. साथ ही पर्यटकों के लिए कैलाश गुफा तक पहुंचने के लिए नेशनल पार्क प्रबंधन ने जंगल सफारी जिप्सी का भी इंतजाम ने किया है.
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