In Photos: गर्मियों में पानी की किल्लत को दूर करेगी छत्तीसगढ़ सरकार की ये योजना, देखे तस्वीरें
बूंद-बूंद बारिश का पानी बचाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. प्रशासन ने बारिश के पानी को बचाने के लिए प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत दुर्ग में साढ़े पांच हजार स्ट्रक्चर बनाये गये हैं ताकि बरसात के पानी को रोका जा सके. जिससे वाटर लेवल 5 से 6 इंच तक बढ़ने की उम्मीद है.
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View In Appदुर्ग जिला प्रशासन ने बारिश की एक-एक बूंद बचाने के लिए पूरे जिले के नालों में साढ़े 5 हजार से अधिक स्ट्रक्चर बनाए हैं जिससे बरसात के पानी का ठहराव हो सके और बरसात का पानी लंबे समय तक रुक सके. जिला प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि पानी के ठहराव से जल स्तर 5 से 6 इंच बढ़ेगा. इससे आने वाली गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं होगी. लगभग पंद्रह हजार श्रमिकों ने सात महीने की कड़ी मेहनत से 196 नाले के 68 डीपीआर को पूरा करने की दिशा में काम किया है और अब काम खत्म होने वाला है. अगले एक-दो दिन में सभी नालों में काम पूरा हो जाएगा.
जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि पहले चरण में नरवा के काम से पांच इंच से छह इंच तक जलस्तर नाले के नजदीकी गांवों में बढ़े थे. इस बार साढ़े पांच हजार स्ट्रक्चर तैयार किये गये हैं और 200 स्ट्रक्चर का रिपेयर किया गया है. इनके माध्यम से जलसंरक्षण की बड़ी पहल की गई है. सीईओ देवांगन ने बताया कि कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर इस चरण में नालों के भीतर स्ट्रक्चर बनाने पर कार्य किया गया है.
जिले के प्रमुख नाले जैसे गजरा, खुड़मुड़ी, दैमार, लुमती आदि नालों पर भी कार्य किया गया है. इससे व्यापक रूप से जलसंरक्षण में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बीते दिनों खुड़मुड़ी नाले में हो रहे नरवा कार्य देखे थे और अधिकारियों को कार्य जल्द पूरा करने निर्देश दिये थे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नरवा योजना मुख्यतः इस वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित है कि पानी का वेग कम होने से धरती का रिचार्ज तेजी से होता है क्योंकि धरती को जल सोखने के लिए अधिक समय मिलता है. इन स्ट्रक्चर के बन जाने से पानी का वेग बाधित होगा और बाधित करने वाले स्ट्रक्चर बनने की वजह से हर जगह यह धीमे-धीमे बहते भूमिगत जल को रिचार्ज करता जाएगा. खास बात यह है कि इसके लिए स्ट्रक्चर नाले के भीतर ही बनाये जाते हैं.
नरवा ट्रीटमेंट में पहले साल में कुछ बेहतर नतीजे आते हैं और अगले साल और भी बेहतर नतीजा आता है. इससे भूमिगत जल का रिचार्ज बढ़ जाता है. इस साल और भी पानी रिचार्ज होने की उम्मीद है.माना जा रहा है कि मानसून अच्छा रहा तो जलस्तर में पांच इंच की वृद्धि होगी. जिससे रबी फसल के लिए भी भरपूर पानी किसानों को मिल सकेगा.
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