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In Photos: छत्तीसगढ़ की ये फेमस जगह हो सकती हैं न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए बेस्ट, देखें तस्वीरें

साल 2022 की विदाई खट्टे मीठे यादों के साथ होने जा रही है और नए साल का सेलिब्रेशन आज रात से ही शुरू हो जाएगा. नए साल का स्वागत धूमधाम से किया जाएगा.

साल 2022 की विदाई खट्टे मीठे यादों के साथ होने जा रही है और नए साल का सेलिब्रेशन आज रात से ही शुरू हो जाएगा. नए साल का स्वागत धूमधाम से किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में यहां कर सकते है न्यू ईयर सेलिब्रेट (फोटो- रवि मिरी)

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साल 2022 की विदाई खट्टे मीठे यादों के साथ होने जा रही है. ऐसे में आज रात से ही दुनियाभर में सेलिब्रेशन शुरू हो जाएगा और नए साल का धूमधाम से स्वागत किया जाएगा. वहीं आज दुनियाभर में क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाएगा. ऐसे मौके पर हर कोई घूमने का प्लान बना रहा है. आप भी बना रहे होंगे और अगर आप कंफ्यूज होंगे हैं कि कहां घूमने जाएं तो आज हम आपको बताते हैं कहां घूमने जाया जा सकता है.
साल 2022 की विदाई खट्टे मीठे यादों के साथ होने जा रही है. ऐसे में आज रात से ही दुनियाभर में सेलिब्रेशन शुरू हो जाएगा और नए साल का धूमधाम से स्वागत किया जाएगा. वहीं आज दुनियाभर में क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाएगा. ऐसे मौके पर हर कोई घूमने का प्लान बना रहा है. आप भी बना रहे होंगे और अगर आप कंफ्यूज होंगे हैं कि कहां घूमने जाएं तो आज हम आपको बताते हैं कहां घूमने जाया जा सकता है.
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दरअसल छत्तीसगढ़ एक ट्राइबल स्टेट है. राज्य का 44 प्रतिशत भू- भाग जंगल है. ऐसे में मध्य भारत में घूमने के लिए छत्तीसगढ़ लोगों की पहली पसंद बन रही है. राजधानी रायपुर की ही बात करें तो रायपुर और रायपुर से लगे जिलों में कई घूमने लायक जगह हैं जहां आप घूम सकते हैं. प्रकृति के और नजदीक जा सकते हैं. चलिए आज जानते हैं घूमने और पिकनिक मनाने वाले खास जगहों के बारे में.
दरअसल छत्तीसगढ़ एक ट्राइबल स्टेट है. राज्य का 44 प्रतिशत भू- भाग जंगल है. ऐसे में मध्य भारत में घूमने के लिए छत्तीसगढ़ लोगों की पहली पसंद बन रही है. राजधानी रायपुर की ही बात करें तो रायपुर और रायपुर से लगे जिलों में कई घूमने लायक जगह हैं जहां आप घूम सकते हैं. प्रकृति के और नजदीक जा सकते हैं. चलिए आज जानते हैं घूमने और पिकनिक मनाने वाले खास जगहों के बारे में.
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दरअसल राजधानी रायपुर ही अपने आप टूरिज्म सर्किट है. क्योंकि धार्मिक स्थलों में रायपुर देश ही नहीं दुनिया में फेमस हो चुका है. क्योंकि भगवान राम हमारे आस्था के प्रतीक हैं. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या है. लेकिन उनके तपो स्थली जहां उन्होंने 10 साल से ज्यादा वनवास काटा वो जगह है छत्तीसगढ़. रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंद्रखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली है. जहां 51 फीट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा है. इस जगह में देश विदेश के नागरिक रोजाना घूमने आते हैं.
दरअसल राजधानी रायपुर ही अपने आप टूरिज्म सर्किट है. क्योंकि धार्मिक स्थलों में रायपुर देश ही नहीं दुनिया में फेमस हो चुका है. क्योंकि भगवान राम हमारे आस्था के प्रतीक हैं. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या है. लेकिन उनके तपो स्थली जहां उन्होंने 10 साल से ज्यादा वनवास काटा वो जगह है छत्तीसगढ़. रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंद्रखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली है. जहां 51 फीट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा है. इस जगह में देश विदेश के नागरिक रोजाना घूमने आते हैं.
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नया रायपुर में 800 एकड़ में जंगल सफारी बनाया गया है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. आज ये जंगल सफारी एशिया महाद्वीप के बड़ा जंगल सफारी माना जाता है. इस सफारी के बीच 130 एकड़ में एक जलाशय है और मानव निर्मित इस जंगल सफारी में रोमांच बढ़ाने के लिए जंगली जानवर खुले में रहते हैं और पर्यटक बंद पिंजरे वाली गाड़ियों में घूमते हैं.
नया रायपुर में 800 एकड़ में जंगल सफारी बनाया गया है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. आज ये जंगल सफारी एशिया महाद्वीप के बड़ा जंगल सफारी माना जाता है. इस सफारी के बीच 130 एकड़ में एक जलाशय है और मानव निर्मित इस जंगल सफारी में रोमांच बढ़ाने के लिए जंगली जानवर खुले में रहते हैं और पर्यटक बंद पिंजरे वाली गाड़ियों में घूमते हैं.
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जंगल के शेर को नजदीक से दहाड़ते सुनेंगे. जंगल सफारी में 4 अलग अलग सफारी बनाया गया है. शाकाहारी वन्यप्रणी सफारी, भालू सफारी, टाइगर सफारी और शेर सफारी बनाया गया है. यहां अंदर में जू का भी निर्माण किया गया है. जहां 32 प्रजाति के जंगली जानवर देख पाएंगे.
जंगल के शेर को नजदीक से दहाड़ते सुनेंगे. जंगल सफारी में 4 अलग अलग सफारी बनाया गया है. शाकाहारी वन्यप्रणी सफारी, भालू सफारी, टाइगर सफारी और शेर सफारी बनाया गया है. यहां अंदर में जू का भी निर्माण किया गया है. जहां 32 प्रजाति के जंगली जानवर देख पाएंगे.
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देश में समुद्र किनारे का मजा लेने के लिए अक्सर लोग गोवा घूमने जाते हैं. लेकिन आपको कम बजट में और एक दिन में घूमकर आने की समय बाध्यता है तो छत्तीसगढ़ के मिनी गोवा जा सकते हैं. राजधानी रायपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर गंगरेल बांध है. जहां आपको समुद्र जैसा अनुभव होगा. क्योंकि इस जगह पर वाटर एडवेंचर की पूरी सुविधा दी गई है. आप लहरों पर मोटरबोट, टेबल कुर्सियां, वाटर स्पोर्ट्स का लुफ्त उठा सकते हैं. पानी के बीच में जानकर टापू की तरह एक  रेस्टोरेंट भी बनाया गया है.
देश में समुद्र किनारे का मजा लेने के लिए अक्सर लोग गोवा घूमने जाते हैं. लेकिन आपको कम बजट में और एक दिन में घूमकर आने की समय बाध्यता है तो छत्तीसगढ़ के मिनी गोवा जा सकते हैं. राजधानी रायपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर गंगरेल बांध है. जहां आपको समुद्र जैसा अनुभव होगा. क्योंकि इस जगह पर वाटर एडवेंचर की पूरी सुविधा दी गई है. आप लहरों पर मोटरबोट, टेबल कुर्सियां, वाटर स्पोर्ट्स का लुफ्त उठा सकते हैं. पानी के बीच में जानकर टापू की तरह एक रेस्टोरेंट भी बनाया गया है.
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हिस्टोरिकल जगह घूमने में रुचि रखने वालों के लिए सिरपुर बेस्ट लोकेशन हो सकता है. क्योंकि राजधानी रायपुर से केवल 85 किलोमीटर दूर दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्थल है. छठवीं शताब्दी में चीनी यात्री व्हेनसांग सिरपुर आए थे. उन्होंने अपने यात्रा वृतांत में सिरपुर कर वर्णन किया है. जिसके अनुसार सिरपुर एक बंदरगाह के रूप में था जहां हजारों साल पहले जहाज चलते थे. 10 बौद्ध विहार है. हजारों बौद्ध भिक्षुओं के अध्ययन करने आने का अनुमान है. इस लिए सिरपुर को वर्ल्ड हैरिटेज के रूप में देखा जाता है. अब रोजाना देश विदेश के पर्यटक यहां घूमने आते है. बौद्ध धर्म को नजदीक से महसूस करते हैं.
हिस्टोरिकल जगह घूमने में रुचि रखने वालों के लिए सिरपुर बेस्ट लोकेशन हो सकता है. क्योंकि राजधानी रायपुर से केवल 85 किलोमीटर दूर दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्थल है. छठवीं शताब्दी में चीनी यात्री व्हेनसांग सिरपुर आए थे. उन्होंने अपने यात्रा वृतांत में सिरपुर कर वर्णन किया है. जिसके अनुसार सिरपुर एक बंदरगाह के रूप में था जहां हजारों साल पहले जहाज चलते थे. 10 बौद्ध विहार है. हजारों बौद्ध भिक्षुओं के अध्ययन करने आने का अनुमान है. इस लिए सिरपुर को वर्ल्ड हैरिटेज के रूप में देखा जाता है. अब रोजाना देश विदेश के पर्यटक यहां घूमने आते है. बौद्ध धर्म को नजदीक से महसूस करते हैं.

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