In Photos: जानें 20 से ज्यादा पर्यटन स्थलों और प्रसिद्ध वॉटरफॉल्स की खासियत, छुट्टी मनाने के लिए है बेस्ट
बस्तर के प्रसिद्ध वॉटरफॉल्स के साथ ही यहां मौजूद नैसर्गिक गुंफायें, घने जंगलों के साथ यहां की ट्राईबल कल्चर को देखने इस साल भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं.
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View In Appइस साल भी मार्च के पहले ही सप्ताह से बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ पर्यटन स्थलों में देखी जा रही है, और पर्यटक भी यहां के एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थलों में अपनी छुट्टियों का जमकर लुफ्त उठा रहे हैं.
खासकर बस्तर जिले के 10 से भी अधिक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर्यटकों की पहली पसंद बनी हुई है.
आइए जानते हैं आखिर छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद इन पर्यटन स्थलों की खासियत क्या है और कौन कौन सी ऐसी जगह है जिसे पर्यटकों के द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.
प्रकृति के गोद में बसे छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपार संभावनाएं हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर में 12 से भी अधिक फेमस वॉटरफॉल्स हैं जिसमें देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट वाटरफॉल, तीरथगढ़, तामड़ा घूमर, हांदावाड़ा, मेंदड़ी घूमर, चित्रधारा, कांगेर धारा, मंडवा, नीलमसरई और ऐसे दर्जनों वाटरफॉल्स है जहां साल के 12 महीने वाटरफॉल्स में पानी भरा होता है.
इन खूबसूरत वॉटरफॉल्स में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने नाइट कैंप, कैंप फायर और देसी फूड्स के लिए ट्राइबल स्टे की भी शुरुआत की है.
इस साल बड़ी संख्या में इन वॉटरफॉल्स की खूबसूरती देखने देश और विदेशों से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं.
पर्यटकों का कहना है कि मार्च महीने में जहां देश के अन्य राज्यों में लोग गर्मी से हालांकान होते हैं, लेकिन बस्तर के खूबसूरत वादियों में गर्मी का एहसास नहीं हो रहा है.
घने जंगल और नैसर्गिक सौंदर्य पर्यटकों का मन मोह ले रही है और पर्यटकों को सभी जलप्रपात काफी पसंद भी आ रहे हैं.
बस्तर के प्रसिद्ध वॉटरफॉल्स के अलावा कांगेर वैली नेशनल पार्क में भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने पहुंच रहे हैं.
लगभग 50 हजार एकड़ में फैला यह पार्क नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, अलग-अलग प्रजाति के सैकड़ो वन्यजीवों के साथ यहां मौजूद कांगेर धारा में राफ्ट राइडिंग का भी पर्यटक लुफ्त उठा रहे हैं.
इसके अलावा खुली जिप्सी में पर्यटक इस वैली का मजा ले रहे हैं, यही नहीं कांगेर वैली में ही देश के चार प्रसिद्ध गुफाएं मौजूद हैं जिसे देखकर पर्यटन मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं.
इन गुफाओं में कैलाश गुफा ,दंडक गुफा, कोटोमसर गुफा और आरण्यक गुफा के अलावा मांदर गुफा भी शामिल है.
वही कोटमसर गुफा को देश का पाताल लोक भी कहा जाता है जहां पाए जाने वाले अंधी मछलियां यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है.
कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गनवीर धम्मशील का कहना है कि आने वाले जून महीने तक कांगेर वैली नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए खुला रहता है.
इस साल मार्च के शुरुआती सप्ताह से ही बड़ी संख्या में कांगेर वैली पार्क में पर्यटकों की भीड़ देखी जा रही है.
पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए गांव-गांव में होमस्टे भी बनाया गया है ,जहां पूरी तरह से पर्यटकों के लिए आदिवासी परंपरा के तहत बस्तरिया फूड्स और आदिवासी हर्ट्स की व्यवस्था की गयी है. जहां पर्यटक ठहरकर इस व्यवस्था को काफी पसंद भी कर रहे हैं.
बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि पूरे बस्तर जिले के पर्यटन स्थलों में इस साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिससे इन पर्यटन स्थलों के आसपास रहने वाले ग्रामीण आदिवासियों को रोजगार भी मिल रहा है. हालांकि पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए किसी तरह की अनहोनी ना हो इसके लिए भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा पर्यटकों के ठहरने के लिए निजी और सरकारी रिजॉर्ट में भी व्यवस्था दुरुस्त की गई है.
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