In Pics: सीएम भूपेश बघेल ने किया छत्तीसगढ़ के पहले हाईटेक नर्सरी का लोकार्पण, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का पहला हाईटेक नर्सरी बनाया गया है. इस नर्सरी में खास बात यह है कि इसमें लगाए गए बीज 24 घंटों में ही अंकुरित हो जाते हैं. जिससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाया जा सकता है. प्रदेश का पहले हाईटेक नर्सरी का लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया.
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View In Appइस नर्सरी में नेचुरल वेंटिलेटेड शेड नेट के चलते पौधे 5 गुना से 50 गुना तक वृद्धि दर्ज कर सकेंगे. हाईटेक नर्सरी की विशेषता है कि यहां पर एग्जॉटिक पौधों का रोपण भी हो सकेगा. छत्तीसगढ़ के मुख्य वन अधिकारी राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि यहां ग्रीन हाउस फैन कूलिंग की सुविधा भी है.
ग्रीन हाउस फैन कूलिंग की सुविधा से एग्जॉटिक पौधों की रोपणी में भी मदद मिलेगी. एग्जॉटिक पौधों के शुरुआती रिवाइवल में काफी कठिनाई होती है. नर्सरी के वेंटिलेटेड नेट के चलते यहां के सुरक्षित वातावरण में एग्जॉटिक पौधों को प्रतिरोधक क्षमता मिल पाएगी. इसके साथ ही पाली हाउस में बीजों का अंकुरण भी कम समय पर होगा.
पॉली हाउस में बीजों का अंकुरण कम समय पर हो जाएगा. तापमान और आर्द्रता के नियंत्रण के माध्यम से यह संभव हो पाएगा. इन पौधों पर कीट पतंगों का प्रकोप भी नहीं होगा.
अक्सर कीट पतंगों के चलते पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है और शुरुआती स्तर पर कीट पतंगों के नुकसान से पौधों को बचाना कठिन हो जाता है. ड्रिप के माध्यम से उर्वरकों का प्रयोग भी आसानी से हो पाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईटेक नर्सरी के माध्यम से बड़े पैमाने पर पौधे उगाए जा सकेंगे. इससे पौधरोपण के कार्य को बढ़ावा मिलेगा और तेजी से हरियाली प्रसार की दिशा में काम किया जा सकेगा.
इस हाईटेक नर्सरी में बाउंड्री वॉल, फॉरेस्ट गार्ड क्वार्टर, एडमिन ब्लॉक, सपोर्ट बिल्डिंग सिंचाई व्यवस्था का निर्माण भी किया गया है. यहां 50 हजार पौधों की तैयारी आरंभ कर दी गई है.
इस नर्सरी के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को आसानी से पौधे प्राप्त हो पाएंगे और पाटन क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन तेजी से बढ़ेगा.
पर्यावरण और वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पाटन क्षेत्र के निवासियों के लिए हाईटेक नर्सरी बेहतरीन सुविधा होगी. इसके चलते यहां फलोद्यानों के विकास में भी मदद मिलेगी.
हाईटेक नर्सरी होने से एग्जॉटिक पौधों के बड़े मार्केट की संभावना भी पाटन क्षेत्र में तैयार होगी.
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